बहराइच–मासाडीह गांव में पीएम आवास योजना में घोटाले का खुलासा हुआ है। दूसरे के नामों पर आवंटित हुए आवासों को अपात्रों को रेवड़ी की तरह बांट दिया।
परियोजना निदेशक की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने प्रधान के अधिकार सीज कर दिए हैं। एफआईआर के भी निर्देश जारी किए गए हैं। विकास खंड महसी अंतर्गत ग्राम पंचायत मासाडीह निवासी शाहिबे आलम, राजितराम, शंकर, रामकुमार, शौखत, अनिल, हरिश्चंद्र, सीताराम व हृदयराम समेत अन्य ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र देकर कहा था कि उन सभी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का आवंटन किया गया था। लेकिन उनकी जगह दूसरे अपात्रों को आवास दे दिए गए। ग्राम पंचायत अधिकारी सत्रोहनलाल, प्रधान छोटकई और प्रधान पति उत्तम कुमार के खिलाफ डीएम को सभी ने पत्र दिया था। डीएम ने परियोजना निदेशक अनिल कुमार सिंह को मामले की जांच सौंपी थी। परियोजना निदेशक ने ग्राम पंचायत में जाकर जांच की तो करीब 10 लोगों को दूसरे के नाम पर आवंटित आवासों को दे दिए जाने का खुलासा हुआ। इसके बाद ग्राम प्रधान छोटकई को कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी। लेकिन ग्राम प्रधान ने कोई जवाब नहीं दिया।
जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार को सीज कर दिया है। प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्यों के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। जिससे गांव का विकास कार्य बाधित न हो।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)