लखनऊ — बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस से गठबंधन की अटकलों को बिराम देते हुए अपनी मंशा साफ कर दी है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को आडे हाथों लेते हुए गठबंधन में बाधा डालने का आरोप लगाया है.
दरअसल माया ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सोनिया और राहुल गांधी दिल से कांग्रेस का गठबंधन चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस में मौजूद दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता गठबंधन में अड़ंगा डाल रहे हैं.
इसके अलावा बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस की मंशा पर ही सवाल खडे कर दिए है.माया ने कहा लगातार बीजेपी के हाथों हार मिल रही है,इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी गठबंधन को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जैसे साम्प्रदायिक पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए हमेशा से कांग्रेस का साथ दिया, लेकिन बदले में हमेशा उसने छुरा घोपा हैं. यही वजह है कि बसपा ने दक्षिण भारत में जनता दल सेक्युलर और हरियाणा में इंडियन लोक दल से गठबंधन किया, लेकिन मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से गठबंधन नहीं हो सका.
मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अहंकार में डूबी हुई है. कांग्रेस का रवैया अड़ियल रहा है. आने वाले चुनाव में कांग्रेस को जनता सबक सिखाएगी. कांग्रेस पार्टी ने बदले की भावना से हमेशा छुरा घोपने का काम किया है. कांग्रेस ने मुझे ताज कॉरिडोर मामले में फंसाया. कांग्रेस बीजेपी के साथ मिलकर बसपा को समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अब बसपा कांग्रेस के साथ मिलकर कभी भी चुनाव नहीं लड़ेगी. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बसपा अकेले या क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. मायावती ने कहा कि बसपा सर्वसमाज की पार्टी है और बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलती है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दलितों के सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकती.इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी आज चुनाव में मुसलमानों को उम्मीदवार बनाने से डर सकती है, लेकिन बसपा ऐसा नहीं करती.
वहीं इस मामले पर दिग्विजय सिंह ने मायावती के आरोपों पर कहा कि ‘मैं हमेशा से कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन का समर्थन किया है.’ इस मामले में बसपा सुप्रीमो से ही सवाल किया जाना चाहिए.