हुनर की कोई उम्र नही,हारमोनियम पर नाचती दिखाई दी नन्ही उंगलिया

फर्रुखाबाद — मेला रामनगरिया के सांस्कृतिक पाण्डाल में शिक्षा विभाग द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर, शिशु मंदिर एवं परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं विभिन्न सांस्कृतिक भक्तिमय, देश भक्ति तथा नाट्य कलाओं की प्रस्तुतियों में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 बता दें कि सरस्वती शिशू मंदिर के छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी ढोलक की थाप गाने से स्वर व हारमोनियम से सभी को खड़े होकर ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।जब उन बच्चों से बात चीत की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ाई के साथ संगीत शिक्षा भी दी जाती है।इसलिए मैं तीन सालों से गाना गाने के साथ ढोलक तबला भी बजाना सीख गया हूं।हम बड़े होकर संगीतकार बनना चहाते है।देखना यह होगा की इन छोटे हुनरबाज बच्चों को अविभावक कहा तक लेकर जाते है।

वही इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहीं सदर विधायक की पत्नी श्रीमती अनीता द्विवेदी को चमन शुक्ला, खण्ड शिक्षा अधिकारी राजेपुर शिव शंकर मौर्या, स्वीप कोऑर्डिनेटर सुधीर कुशवाहा ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।इस रंगारंग कार्यक्रम का शुभरम्भ सरस्वती बालिका विद्यामंदिर की छात्राओं से हुआ। छात्रा सहजल ने ‘‘राधा तेरी चुनरी, देश रंगीला-रंगीला, राधा नाचेगी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी आदि की प्रस्तुतियां कु. संध्या सिंह, श्रृष्टि, दिव्या कुश्वाहा, काव्या, मुस्कान, आस्था, श्रुति पाठक आदि ने दी। 

कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय बढ़पुर की छात्राओं ने मनोरमा कनौजिया के निर्देशन में गंगा स्वच्छता पर मंचन करते हुये गंगा को गंदा न करने व स्वच्छ रखने का संदेश दिया।इस नाटक में गंगा को माँ मानने वाले उसको किस प्रकार से गंदकी डालते है।वर्तमान में गंगा के जल को दूषित भी बताया गया है। पर्यावरण पर आधारित नाटक वृक्ष की पुकार भी राजेपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने प्रस्तुत किया। 

जी.जी.आई.सी. फतेहगढ़ की छात्राओं कु. गीता व रश्मि ने राधा-कृष्ण नृत्य, तू बरसाने की छोरी प्रस्तुत किया। तो समस्त पाण्डाल वृन्दावन धाम बन गया। इसके अलावा सरस्वती शिशु मंदिर सेनापत के छात्र सुन्दरम शर्मा ने शिव जी तांडव नृत्य किया। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक प्रधानाचार्य प्रकाश चंद्र त्रिपाठी, नारायण मिश्रा, कैलाश त्रिपाठी, सर्वेश शुक्ला, संतोष पाठक, अर्चना द्विवेदी मौजूद रहे। संचालन धर्मेन्द्र द्विवेदी ने किया।

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद)

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