कोरोना को लेकर देश में चल रहे लॉकाडउन के वजह से केंद्र व प्रदेश सरकारे कई योजनाओं के माध्यम से गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को मदद कर रही है। वहीं अब यूपी सरकार ने अंत्येष्टि के लिए मिलने वाली धनराशि को भी बढ़ा दिया है। यह फैसला कैबिनेट बैठक में लिया गया है।
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दरअसल यूपी मंत्रिपरिषद ने राज्य वित्त आयोग के कार्यों की अनुमन्यता सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत ग्राम पंचायत को दी जाने वाली राशि में से 3 प्रतिशत राशि प्रतिवर्ष तीन प्रमुख कार्यों पर व्यय किए जाने की अनुमति दी गई है। मसलन, अत्यधिक गरीब और निराश्रित परिवारों में मृत्यु होने पर मृतक आश्रित को अब 5,000 रुपये अन्त्येष्टि के लिए दिए जाएंगे।
इन्हें होगा लाभ…
बता दें कि आकस्मिक रूप से बीमारी की दशा में किसी ऐसे परिवारों में जो अन्य योजना यथा आयुष्मान भारत योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में कवर न होते हों, की दशा में उन्हें एक बार सहायता राशि के रूप में तत्काल 2000 रुपये देने की व्यवस्था है। ग्राम पंचायत में अन्त्योदय श्रेणी के परिवार (इसका आशय अन्त्योदय योजना का कार्ड होने या न होने से नहीं है, अपितु निर्धनता से है) की भूख से मृत्यु न हो, ऐसे परिवार को एक बार की अन्त्येष्टि की सहायता राशि 1,000 रुपये दिए जाने का प्रावधान है को मंजूरी दी गई है।
गो-सेवक श्रमिकों को भी होगा भुगतान
इसके अलावा सरकारी धनराशि से चलने वाले गो-संरक्षण केन्द्रों के लिए भूसे को भण्डार गृह तक ले जाने के लिए परिवहन लागत को भी मंजूरी दी गई है। इसी तरह भूसा संग्रह के लिए निर्मित किए जाने वाले परम्परागत भूसे के कूप या खोप या भक्कू या बुर्जी आदि..
चाहे जिस भी नाम जाना जाए, को बनाने में लगने वाली सामग्री जैसे बांस/पुआल/रस्सी आदि पर आने वाला व्यय एवं उसको बनाने के लिए भवन श्रम पर आने वाला व्यय अनुमन्य कर दिया गया है जबकि गो-संरक्षण केन्द्रों पर कार्य करने वाले गो-सेवक श्रमिकों को पारिश्रमिक के भुगतान को भी अनुमति दी गई।
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