पुलिस महकमे में जीवन साथी चुनने को लेकर इन दिनों बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। नये बैच के सिपाहियों (policemen) को विभागीय दुल्हन और दूल्हा बेहद पसंद आ रहे हैं। एक साथ ड्यूटी और फिर बाद में दोनों के रिश्ते प्यार और अटूट संबंध में बदल जा रहे हैं।
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यही नहीं अभिभावकों का भी रुझान इस ओर तेजी बढ़ा है कि शादी बेटी की हो या बेटा की, अगर सिपाही है तो शादी भी विभागीय करेंगे। इसके लिए ट्रेनिंग के दौरान ही अभिभावक शादी के बंधन के लिए दुल्हन और दूल्हा तलाश करने में जुट जा रहे हैं। इसके बाद शादी पक्की करने के लिए एक-दूसरे के घर पहुंच रहे हैं।
2016 से बढ़ा विभागीय शादी का प्रचलन
बता दें कि पुलिस महकमे में विभागीय शादी का प्रचलन सबसे अधिक 2016 बैच से शुरू हुआ है। इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ता ही गया है। अब करीब चार साल के दौरान करीब 100 के पार सिपाहियों (policemen) ने खाकीधारी दुल्हन को जीवन साथी चुना है। इसमें कई ऐसे सिपाही हैं, जिनकी शादी प्रशिक्षण के दौरान ही अभिभावकों ने तय कर दी।
वहीं ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद दोनों एक-दूसरे के हो गए। अब एक साथ ड्यूटी कर रहे हैं और घर भी बसा रहे हैं। खाकी दंपती की जिंदगी आर्थिक संपन्नता के साथ गुजर रही है। पति और पत्नी दोनों की सरकारी नौकरी होने के कारण परिजनों का सीना भी चौड़ा हो रहा है। जनपद में कई ऐसे सिपाही हैं, जिनकी पत्नी दूसरे जनपद में सिपाही हैं।
जिले में अब तक हो चुकी करीब 100 शादियां
गौरतलब है कि प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइंस प्रकाश चंद्र पांडे ने बताया कि करीब 100 के पार ऐसे पुलिसकर्मी (policemen) हैं जो पति-पत्नी दोनों विभाग में तैनात हैं। यह अच्छी बात है कि एक ही विभाग में दोनों हैं। इससे घर परिवार की प्रगति का रास्ता खुलता है। विभाग में ऐसी शादियों का प्रचलन तेजी से बढ़ना अच्छी बात है। दोनों मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन भी कर रहे हैं।
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