दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने और समस्या से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए और नए कदम उठाने जा रही है. वहीं पहले से उठाए जा रहे कदमों को और सख्त बनाने जा रही है. दिल्ली सरकार ने अब राजधानी के पेट्रोल पंपों पर डीजल व पट्रोल भरवाने आने वाले वाहनों के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफेकेट की जांच सख्त की जा रही है. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने अब पीयूसी नहीं होने की स्थिति में 10 हजार रुपए का चालान काटना शुरू कर दिया है.
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‘रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ’ कैंपेन
इस बीच देखा जाए तो वायु प्रदूषण में वाहनों की भी बड़ी हिस्सेदारी मानी जा रही है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से पहले से ही दिल्ली सरकार ‘रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ’ कैंपेन चलाया हुआ है. पीसीआरए की एक सर्वे रिपोर्ट में खुलासा भी किया गया है कि इस तरह के अभियान के अच्छे परिणाम भी सामने आते रहे हैं. इससे करीब 15 से 20 फीसदी प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है और करीब 200 करोड़ रुपए की सालाना बचत भी होती है.
दस हजार तक का चालान
इसको लेकर अब दिल्ली सरकार और तेज बनाने के लिए दूसरा कैंपेन शुरू करने जा रही है. वहीं वायु प्रदूषण बढ़ाने में वाहनों की भी बड़ी हिस्सेदारी रखने वालों पर लगाम लगाने के लिए अभियान तेज किया जा रहा है. ऐसे में अब प्रदूषण को रोकने की मुहिम के तहत पेट्रोल पंपों पर PUC की जांच की जा रही है. बिना सर्टिफेकेट के पेट्रोल भरवाने पहुंच रहे वाहन मालिकों का चालान भी काटा जा रहा है. PUC के बिना पेट्रोल भरवाते समय अब 10 हजार रुपए का चालान काटा जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग ने पेट्रोल पंपों पर सिविल डिफेंस वॉलंटियर की टीमें तैनात की हैं. अब तक यह चालान गाड़ी का नंबर नोट कर डेटा बेस से चेक करने के बाद PUC नहीं होने पर घर पर चालान भेजता जाता था. लेकिन अब पेट्रोल पंपों पर ही इसकी जांच की जाएगी.
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