न्यूज डेस्क — कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के बदले परिवार को महत्व देने वाले पार्टी नेताओं पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से यहां मिलने से इनकार कर दिया।
पार्टी सूत्रों की माने, राहुल गांधी ने अपने आवास पर सोमवार सुबह 11 बजे गहलोत से मिलने का समय दिया था।” लेकिन उन्होंने उनसे मिलने से इनकार कर दिया और कहा कि वह महासचिव के।सी। वेणुगोपाल से मिलें।” सूत्रों ने कहा कि गहलोत ने उसके बाद वेणुगोपाल और पार्टी नेता अहमद पटेल से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष की यह बेरुखी ऐसे समय में सामने आई है, जब दो दिनों पहले राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शा था।
कांग्रेस कुल 52 सीटें जीत पाई और राजस्थान में वह एक भी सीट नहीं जीत पाई, जबकि मध्य प्रदेश में मात्र एक सीट जीतने में कामयाब हुई। सूत्रों के अनुसार गांधी ने कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कमलनाथ अपने बेटों के टिकट के लिए उत्सुक थे, जबकि पार्टी अध्यक्ष उन्हें टिकट नहीं देना चाहते थे। राहुल चाहते थे कि ये नेता प्रचार अभियान में बड़ी भूमिका निभाएं।
कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव जीत गए, लेकिन गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर से चुनाव हार गए। राहुल गांधी ने बार-बार कहा कि अशोक गहलोत ने एक सप्ताह तक सिर्फ जोधपुर में प्रचार किया, और इस दौरान उन्होंने पार्टी का कोई काम नहीं किया।