औरैया: उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क हादसे में सोमवार को एक और प्रवासी मजदूर की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या बढकर 27 हो गयी ।
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औरैया पुलिस ने एक बयान में बताया कि शनिवार तड़के लगभग तीन बजे सड़क किनारे खड़े मिनी ट्रक और ट्राला की टक्कर के बाद दोनों वाहन निकट के गड्ढे में पलट गये और इस हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी थी जबकि 36 अन्य घायल हो गये थे ।
पुलिस ने बताया कि एक मजदूर ने शनिवार रात अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि एक अन्य ने रविवार को अंतिम सांस ली । उन्होंने बताया कि सोमवार को एक और मजदूर की मौत के साथ ही हादसे में मृतकों की संख्या बढकर 27 हो गयी ।
पुलिस ने बताया कि दुर्घटना तिकौली गांव में शिवाजी ढाबे के निकट हुआ । मृतकों की संख्या का ताजा आंकडा बताते हुए पुलिस ने कहा कि हादसे में 27 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी है जबकि 33 अन्य घायल हैं ।
पुलिस के अनुसार दोनों ही वाहनों के ड्राइवरों, मालिकों और ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ औरैया के कोतवाली थाने में भारतीय दंड संहिता, महामारी कानून और मोटर वाहन कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है ।
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उधर राजस्थान से पश्चिम बंगाल जा रहे घायल शिव कुमार ने बताया कि ट्राला में 40 से 50 लोग सवार थे । अचानक ट्राला ने ढाबे के निकट सड़क किनारे खड़े मिनी ट्रक को टक्कर मारी और दोनों ही वाहन निकट के गड्ढे में पलट गये । कुमार ने बताया कि लोग नीचे गिर गये और कुछ ट्रक के नीचे आ गये ।
पुलिस ने बताया कि कई मजदूर झारखंड और पश्चिम बंगाल के थे जबकि कुछ पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले थे ।
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने शनिवार को बताया था कि अधिकांश मजदूर बोरियों के नीचे दबकर मर गये । कुछ ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया ।
सिंह ने उस वायरल वीडियो को फर्जी बताया है, जिसमें दर्शाया गया है कि प्रशासन जिन्दा प्रवासी मजदूरों और मृतक मजदूरों के शवों को एक ही वाहन में उनके गंतव्य तक भेज रहा है ।
जिलाधिकारी ने कहा कि वीडियो फर्जी है और इसके दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों की घटनास्थल पर या सैफई अस्पताल में मौत हुई थी, उन्हें ससम्मान एंबुलेंस से उनके गंतव्यों तक पहुंचाया गया है ।
इस बीच अधिकारियों ने हादसे की वजह समझाते हुए बताया कि मिनी ट्रक दिल्ली से मध्य प्रदेश जा रहा था और उस पर सवार कुछ मजदूर चाय पीना चाहते थे इसलिए वाहन को एक ढाबे पर रोका गया ।
अधिकारियों के अनुसार दोनों ही वाहनों पर वे मजदूर सवार थे, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान काम नहीं मिल रहा था और उनके पास ना तो पैसा था और ना ही भोजन का प्रबंध और ये सभी अपने घरों को जल्द से जल्द पहुंचना चाहते थे ।
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो दो लाख रूपये और गंभीर रूप से घायलों को पचास पचास हजार रूपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है । सरकार ने सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रवासियों को बसें मुहैया कराने के आदेश का सख्ती से अनुपालन करें ।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने दोहराया है कि सभी सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए निर्देश दिये गये हैं कि कोई भी ट्रक जैसे असुरक्षित साधन से यात्रा ना करे ।
उल्लेखनीय है प्रवासी श्रमिक एवं कामगार अपने अपने घरों को जल्द पहुंचना चाहते है लेकिन सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं होने और आवागमन प्रतिबंधित होने की वजह से वे पैदल ही घरों को चल दे रहे हैं या जो भी वाहन मिल रहा है, उसी पर सवार हो जा रहे हैं । उन्हें कठिनाई का सामना तो करना पड ही रहा है, वे अपने जीवन को भी दांव पर लगा रहे हैं ।
सरकार विशेष ट्रेन और बसें चला रही है लेकिन बडी संख्या में लोग इनके जरिए नहीं आ पा रहे हैं और विभिन्न राज्यों से प्रवासियों की दुर्घटनाओं की खबर रोज ही मिल रही है ।
महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रहे पांच प्रवासी शनिवार सुबह मध्य प्रदेश के सागर—कानपुर रोड पर ट्रक दुर्घटना में मारे गये । इस दुर्घटना में 19 अन्य लोग घायल हा गये । प्रवासियों को लेकर जा रहा ट्रक अचानक पलट गया था । आठ मई को मध्य प्रदेश अपने घरों को पैदल ही जा रहे 16 श्रमिक औरंगाबाद में मालगाडी की चपेट में आ गये । ये श्रमिक रेल पटरियों पर सो रहे थे ।