बलिया–उत्तर प्रदेश में निराश्रित पशुओं को लेकर जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक के बाद एक नए निर्देश जरी कर रहे है। वही दूसरी तरफ निराश्रित पशुओं की मौत और बदहाली का सिलसिला लगातार जारी है।
जहां एक तरफ बलिया के जिलाधिकारी गौशालाओं में भूख से मर रहे निराश्रित पशुओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े निर्देश देते हैं। वही बलिया के एनसीसी तिराहे पर एक निराश्रित पशु 3 दिनों से तड़प तड़प कर अपनी मौत का इंतजार कर रहा है। लेकिन जिला प्रशासन और नगर पालिका कुम्भकर्णी नींद में सोये हुए है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 2 दिनों से यह निराश्रित पशु दो बार गंभीर हालात में नाले में गिरा और स्थानीय लोगों द्वारा उसे बाहर निकाला गया। साथ ही पशु चिकित्सक के द्वारा लोगों के मदद से इलाज भी कराया गया।
इस मामले में नगरपालिका ने लापरवाही की सारी हदे पर कर दी| घायल निराश्रित पशु की खबर 24 घंटे पहले ही मिल चुकी थी। बावजूद इसके नगरपालिका मीटिंग पे मीटिंग किये बैठा था की आखिरकार इस निराश्रित पशु को कैसे उठाया जाये| 24 घंटे बाद जब फैसला किया तो मौत से जूझते इस जिन्दा जानवर को उठाने के लिए जेसीवी मशीन लेकर आगये मानो कि ये कोई शहर का कूड़ा है और उसे डम्पिंग ग्राउंड में फेकना है| वो तो शुक्र है की मिडिया का कैमरा देखते ही नगरपालिका कर्मचारी जेसीवी मशीन हटा दिए|
(रिपोर्ट-मनोज चतुर्वेदी, बलिया)