अम्बेडकर नगर — जिले के निवासी राम अचल सीआरपीएफ में सिपाही के पद आसाम में तैनात थे, जिनकी 15 अप्रैल को ड्यूटी के समय ही संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से मौत हो गई।
इसकी सूचना जब राम अचल के परिजनों को मिली तो उनके घर मे कोहराम मच गया। सीआरपीएफ की तरफ से रामअचल के शव को उनके घर पहुंचाने के बाद परिजनों ने शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग न माने जाने तक शव लेने से इनकार कर दिया। पूरे दिन होता रहा बवाल देर रात डीएम के आश्वसन के बाद हुआ मामला शान्त ।
सीआरपीएफ की तरफ से प्रक्रिया पूरी करने के बाद सिपाही रामअचल के शव को तिरंगे में लपेट कर आज उनके गांव लाया गया, जहां सिपाही के सम्मान में हजारों की संख्या में लोग तिरंगा लेकर राम अचल अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगाते रहे। यहां लोगों को यह जानकारी मिली थी कि राम अचल की मौत शायद किसी नक्सली हमले में हुई थी, लेकिन उनके शव को लाने वाले सीआरपीएफ के कांस्टेबल ने बताया कि राम अचल की मौत किसी नक्सली में नही बल्कि ड्यूटी करते समय उनकी ही रायफल से गोली लगने से मौत हुई है, जिसके कारणों की जांच सीआरपीएफ की तरफ से की जा रही है।
सिपाही राम अचल के परिजनों का कहना है कि उनके घर मे कोई विवाद नही था और राम अचल ही अपनी बूढ़ी मां, पत्नी, दो नाबालिग बेटियां और एक दुधमुँहे बेटे की परवरिश करते थे। ऐसे में उनकी संदिग्ध मौत पर परिजन तरह तरह के सवाल कर रहे है। उनकी पत्नी ने फिलहाल शव को लेने से इनकार करते हुए स्थानीय प्रशासन और सीआरपीएफ से सिपाही राम अचल को शहीद का दर्जा देने के साथ ही उनको नौकरी के साथ अन्य सुविधाओं की मांग कर रही हैं।
(रिपोेर्ट-कार्तिकेय द्विवेदी,अम्बेडकर नगर)