शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्तूबर दिन गुरुवार को हुआ था और अब नौ दिन की नवरात्रि समापन की ओर है। नौ दिन तक उपवास रखने के बाद भक्त नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ व्रत का पारण करते हैं। वहीं कुछ लोग नौ दिन के व्रत का पारण अष्टमी पूजन करने के बाद करते हैं, तो कुछ लोग नवमी के दिन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार नवरात्रि व्रत का पारण नवमी तिथि के समापन और दशमी तिथि के शुरुआत में किया जाता है। इस बार 15 अक्तूबर को नौ दिन के व्रत का पारण होगा, जाने शुभ मुहूर्त, कन्या पूजन विधि कैसे करते हैं।
उपवास पारण दिन और समय:
किसी भी व्रत का फल पारण करने के बाद ही मिलता है। इसलिए व्रत का पारण तिथि और नियमों के अनुसार ही करना चाहिए। इस बार नवमी का पूजन 14 अक्टूबर को किया जाएगा। वहीं दशमी तिथि 14 अक्टूबर, 06 बजकर 53 मिनट से शुरू हो जाएगी। भक्त मां दुर्गा के नौ दिन के उपवास का पारण सूर्योदय के बाद 15 अक्टूबर के दिन ही करें।
उपवास पारण नियम:
किसी भी उपवास का पारण करना महत्वपूर्ण होता है। उपवास का पारण करते समय नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
नवरात्रि के नौ दिन के उपवास का पारण दशमी तिथि के दिन करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
उपवास के पारण के समय पहले मां दुर्गा का पूजन और ध्यान करना चाहिए। उपवास का पारण सात्विक भोजन से ही करना चाहिए।
उपवास का पारण कन्या पूजन के बाद ही करना चाहिए। मान्यता है कि कन्या पूजन में जिस तरह का भोग उन्हें देते हैं उसी भोग से पारण करना चाहिए।
सूर्योदय के बाद स्नान आदि करने और पूजा के बाद ही उपवास का पारण करना चाहिए।
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