न्यूज डेस्क — कोर्ट ने अयोध्या मामले पर एक बार फिर अगली तारीख मुकर्रर कर दी है.अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी. इससे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि सभी पक्ष इस मामले को भूमि विवाद की तरह ही देखें. इससे पहले पांच दिसंबर सुनवाई हुई थी.
दरअसल इस मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से एजाज़ मकबूल की दलील थी कि उन्हें कई कागज़ात अब तक नहीं मिले हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले से जुड़ी 42 किताबों का अंग्रेजी अनुवाद 2 हफ्ते में जमा करवाया जाए और सभी पक्षों को इन्हें दिया जाए.
चीफ जस्टिस ने कहा- मुख्य पक्षों के अलावा अब तक जिन लोगों ने अर्ज़ी दाखिल की है, उनकी सुनवाई होगी. केस शुरू होने के बाद किसी नई अर्ज़ी को स्वीकार नहीं किया जाएगा. यूपी सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले में कुल 504 सबूत और 87 गवाह हैं.सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन दस्तावेजों का अनुवाद हुआ है अगर उनमें कोई पौराणिक किताबें या उपनिषद हैं तो उनका भी अनुवाद करके उसकी प्रति कोर्ट में जमा कराई जाए.
हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया कि पूरी किताब का अनुवाद नहीं करें लेकिन जिस हिस्से का जिक्र किया गया है सिर्फ उसी हिस्से का अंग्रेजी में अनुवाद कर कोर्ट में दिया जाए. इसके अलावा जो वीडियो कैसेट कोर्ट में दस्तावेज के तौर पर पेश किए गए हैं उसकी भी कॉपी बनवाकर सभी पक्षों को देने की बात कोर्ट ने कही.