न्यूज डेस्क— सहारनपुर स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद से एक और विवादित फतवा जारी किया गया है. इस बार फतवे में सुन्नियों को सख्त हिदायत दी है कि वे शिया के यहां होने वाली इफ्तार पार्टी या शादी की दावत में जाने से परहेज करें.
दरअसल, मोहल्ला बड़जिया उलहक निवासी सिकंदर अली ने दारुल उलूम में स्थित फतवा विभाग के मुफ्तियों से लिखित में सवाल किया था कि शिया हजरात रमजान-उल-मुबारक में रोजा इफ्तार की दावत करते हैं, क्या सुन्नी मुसलमान का इसमें शरीक होना जायज है? जबकि दूसरे सवाल में पूछा है कि शिया हजरात के यहां शादी वगैरह के मौके पर जाना और वहां खाना कैसा है?
इस सवाल के जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियों की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने जवाब में कहा है कि दावत चाहे इफ्तार की हो या फिर शादी की शियाओं की दावत में सुन्नी मुसलमानों को खाने पीने से परहेज करना चाहिए.
गौरतबल है कि पहले से ही शिया और सुन्नी मुसलामानों के बीच इस्लामी मसले को लेकर विवाद चला आ रहा है. ऐसे में शिया मुसलामानों के यहां दावत में जाने को लेकर पूछे गए सवाल और उस पर दारुल उलूम के मुफ्तियों द्वारा दिए गए जवाब से एक नई बहस भी छिड़ सकती है.