फतेहपुर– सूबे की योगी सरकार पुलिस और जनता के बीच खुला संवाद स्थापित करने की बात करते हैं; जिससे पुलिस और पब्लिक के बीच एक अच्छा रिश्ता स्थापित हो सके लेकिन जब पुलिस खुद आबरू से खिलवाड़ करने लगेगी तो ये भरोसा कैसे कायम होगा।
मामला सदर कोतवली के गडरियनपुरवा का है जहां दलित महिला ने एसपी के गनर (एचसीपी) पर रेप का आरोप लगाया है, वहीं पीड़ित एफआईआर के लिए पिछले दो महीनों से चक्कर काटने को मजबूर है,लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं की। वहीं मामला मीडिया के पास पहुंचा तो एसपी के गैरमौजूद होने का बहाना बताकर उसे एक बार फिर से लौटा दिया गया। पीड़ित दलित महिला की माने तो करीब तीन साल पहले एक मामले की शिकायत को लेकर वो एसपी के आवस पर गई थी , जहां गनर बालमुकंद यादव ने उसके प्रार्थना पत्र से उसका नंबर ले कर उससे बातचीत करना शुरु कर दिया। इसके बाद धीरे-धीरे घर आना जाना शुरु कर दिया और उसने बेटी को नौकरी दिलाने के नाम पर उसका शारीरिक शोषण करना शुरु कर दिया।
पीड़ित की माने तो बेटी को नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपये भी ऐठे। पिछले दो महीने से एफआईआर दर्ज करने के लिए भटक रही पीड़ित। वहीं इस मामले में एडिशनल एसपी विनोद सिंह ने बताया की इस एचसीपी को इलाहाबाद कुम्भ के ड्यूटी में सम्बद्ध किया गया है जिसके ऊपर एक महिला ने अवैध सम्बन्ध बनाने का आरोप लगाया है और उसकी लड़की को नौकरी का झांसा देकर रुपये भी ऐठ। इस मामले जांच सीओ सिटी को दी गयी है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
(रिपोर्ट- नितेश श्रीवास्तव, फतेहपुर )