बरेली — दिल्ली के चर्चित निर्भया गैंगरेप कांड की तरह बरेली के चर्चित जघन्यतम दुष्कर्म मामले में विशेष कोर्ट ने आरोपी मुरारीलाल और उमाकांत को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रीतराम राजपूत ने बताया कि नवाबगंज क्षेत्र के एक गांव में 29 जनवरी 2016 को 12 वर्षीय दलित बच्ची खेत में गन्ना छीलकर पत्ते लेने गई थी। बच्ची वापस घर नहीं लौटी।
तलाश करने पर महेंद्र के सरसो के खेत में बच्ची का शव नग्नावस्था में पड़ा मिला था। आरोपियों ने बच्ची के गुप्तांग में लकड़ियों को ठूंसकर दरिंदगी की थी। पीड़िता के पिता की तहरीर पर नवाबगंज पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आरोपी मुरारीलाल को गिरफ्तार कर इस चर्चित हत्याकांड का खुलासा किया।
पहले किया था गैंगरेप,बताने पर की थी हत्या
आरोपी मुरारीलाल और उसके साथी उमाकांत ने बताया पहले गैंगरेप किया था। लड़की ने अपने मां-बाप से शिकायत करने की धमकी दी तो गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। आरोपियों ने बच्ची के गुप्तांग में लकड़ियां भी घुसेड़ दी थी। मृतका के पोस्टमार्टम में उसके शरीर पर 10 चोट के निशान पाए गए थे। पीड़िता के दलित होने के कारण मामले को तत्कालीन संज्ञान लिया गया।
कोर्ट दोनों पक्षो की दलीलों को सुनने के बाद बुधवार को दोनों आरोपियों को दोषी माना था। विशेष कोर्ट ने दोषियों की सजा निर्धारित करने को शुक्रवार की तारीख निर्धारित की थी। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई।