सृजन फाउंडेशन का 13वां स्थापना दिवस

लखनऊ की जानी मानी सामाजिक संस्था सृजन फाउंडेशन का 13वां स्थापना दिवस उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, लखनऊ में आयोजित किया गया जिसमे सभी अतिथियों का स्वागत सी.टी.सी.एस. परिवार की तरफ़ से सुन्दर पौधा दे कर किया गया| 

 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती सुनीता बंसल (सदस्य- उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग) के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री पवन सिंह चौहान (चेयरमैन- एस.आर.ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट), डॉ. श्वेता सिंह (प्रांतीय उपाध्यक्ष- भाजपा, उत्तर प्रदेश), श्री योगेश त्रिपाठी (प्रतिनिधि- श्री रामदास अठावले जी (सामाजिक न्याय एवं सहकारिता राज्य मंत्री, भारत सरकार), श्री सुशील तिवारी पम्मी (पार्षद लाल कुआँ), सत्येन्द्र कुमार सिंह (एग्जीक्यूटिव एडिटर- आई.सी.एन.) एवं श्री राम प्रकाश जी (अधिवक्ता) उपस्थित थे|

इसमें डॉ रवीश श्रीवास्तव के उपन्यास ‘उसे आना ही था’ का विमोचन के साथ-साथ गायक उत्कर्ष की विशेष प्रस्तुति भी हुई| उत्कर्ष लखनऊ के ही रहने वाले हैं देश के अलावा विदेशों में भी उत्कर्ष ने अपनी गायिकी से लखनऊ और देश को गौरवान्वित किया है| इसी माह उत्कर्ष का म्यूजिक एल्बम ‘थ्रेसहोल्ड’ अंतर राष्ट्रीय स्तरपर स्विट्ज़रलैंड से रिलीज़ हो रहा है जिसके सभी 9 गानों को उत्कर्ष ने आवाज़ दी है| इसमें 8 राष्ट्रों के 9 संगीतकार ने म्यूजिक दिया है| 

सृजन फाउंडेशन के दो नए अभियान “बच्चों का निशुल्क शिक्षा अभियान-बुनियाद’ एवं “सृजन कपडा बैंक” की शुरुआत की गयी| सृजन कपडा बैंक- ‘कल्ट द कल्चरल सोसाइटी’ के सहयोग से संचालित होगा जिसमें लोगों के घरों से कपडे लेकर ज़रूरतमंदों को पहुँचाया जाया करेंगे| बुनियाद- बच्चों को स्कूल के बाद निशुल्क शिक्षा देने के लिए अभियान बुनियाद कार्य करेगा ताकि देश की बुनियाद बच्चो को मजबूत किया जा सके| 

नाइन सेनेटरी पैड्स, एस आर ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट, कल्ट द कल्चरल सोसाइटी के सहयोग से संचालित इस कार्यक्रम का सुगम सञ्चालन श्रीमती राखी अग्रवाल जी ने किया| इसमें बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुई| गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुवात हुई जिसके बाद वागीशा पंथ, आदिति जयसवाल, रूबल जैन, समृद्धि सक्सेना, स्तुति जैन, अंशिका त्यागी, ऐश्वर्या जायसवाल ने खुबसुरत प्रस्तुति दी|

रुद्र कला अकादमी से गनेश वंदना शिव स्तुति और नरायण भगवान स्तुति में बच्चों ने भगवान गणेश,नरायण और शिव जी के विभिन्न रुपो व लीला का वर्णन, झान्सी की रानी मे बुन्देल खन्ड की कहानी और डान्डीयाँ नृत्य के माध्यम से  गुजराती संस्कृति की झलक प्रस्तुत किया हैं|

भरत श्री निधि तिवारी जी के शिष्य वन्शिका वलेचा, यशी शर्मा, सारिका रन्जन, आथिरा मोहन, एश्वर्या आर  कृष्णन्, आस्था शर्मा, आयुशी शुक्ला, माञा सेठ, तनिश्का ध्यानी, इशिका, शम्भवि सिंह, येशु वर्मा, अन्वेशा श्रीवास्तव, उदीशा पांडेय, निशिता दयलानि, दिवान्शी, इशिता बाजपेई, अन्शिका शर्मा, श्रीयान्शी भारती और पर्णीका श्रीवास्तव ने सभी का मन मोह लियासीमा जी और जसप्रीत जी ने अपने आवाज के जादू से सभी को बान्धे रखा|

 

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