रांची–अपने शौर्य और साहस की गाथाओं से दुनिया में कीर्तिमान स्थापित करने वाली भारतीय सुरक्षाबल के एक जवान ने दरियादिली का बेमिसाल उदाहरण पेश करते हुए एक नक्सली की जान बचे ली ।
दरअसल झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी के जंगलों में 29 जनवरी को सीआरपीएफ की 209-कोबरा बटालियन और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में एक नक्सली घायल हो गया, जिसके साथी उसे छोड़कर भाग निकले थे। सीआरपीएफ के जवानों ने उसे उपचार के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया। जख्मी हालत में हॉस्पिटल में भर्ती नक्सली को खून की जरूरत हुई, तब भी सीआरपीएफ का ही जवान सामने आया। सीआरपीएफ के कॉन्स्टेबल राजकमल अपने दुश्मन नक्सली की जान बचाने के लिए रक्तदान करने के लिए तैयार हो गए।
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हालांकि नक्सली की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। इससे पहले पिछले साल 8 फरवरी को पलामू जिले में 134 बटालियन के सैनिकों के साथ मुठभेड़ में महिला नक्सल मंजू बैगा गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे भी सीआरपीएफ के जवानों ने बचाया था।