पीएम मोदी ने कहा कि आज 11 सितंबर है। विश्व को 2001 से पहले ये पता नहीं था कि 9/11 का महत्व क्या है। दोष दुनिया का नहीं था, उन्हें ये पता ही नहीं था। दोष हमारा था कि हमने ही उसे भुला दिया था और हम न भुला देते तो शायद 21वीं सदी का 9/11 नहीं होता।
सवा सौ साल पहले भी एक 9/11 था, जिस दिन एक नौजवान ने, करीब-करीब आपकी उम्र का, गेरुआ कपड़ों में, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। गुलाम भारत में उसके चिंतन और भाषण में ये कहीं नहीं दिखती थी।
पीएम मोदी ने कहा कि क्या हिंदुस्तान हमें वंदेमातरम् कहने का हक है? मैं जानता हूं कि मेरी बात हजारों लोगों को चोट पहुंचाएगी। हम लोग पान खाकर भारत मां पर थूंके और कूड़ा कचरा फेंके और फिर वंदेमातरम् बोले, इसके लिए देश में पहला हक किसी को है तो भारत मां के उन सच्चे लोगों को है जो सफाई करते हैं।
इसलिए हम ये जरूर सोचें कि ये हमारी भारत माता सुजलाम सुफलाम भारत माता है। हम सफाई करें या नहीं, लेकिन गंदगी करने का हक नहीं है। गंगा की सफाई करें, स्नान करें लेकिन कोई ये सोचता है कि इसमें कचरा ना डालें। अगर आज विवेकानंद होते तो क्या हमें ये सब करने पर नहीं डांटते?
पीएम ने कहा कि विवेकानंद स्वच्छता पर भी जोर दिया करते थे और लोगों को सफाई के लिए प्रेरित किया करते थे, इसलिए सफाई करने वाला भारत माता की सच्ची संतान है। पीएम मोदी ने कहा कि आज हम स्वस्थ इसलिए है क्योंकि सफाई करने वाले कर्मचारी हमारे आसपास है। इसीलिए मैंने कहा है कि पहले शौचालय फिर देवालय। इस बहुत से लोग मुझसे नाराज भी हुए। मुझे खुशी है कि देश में आज ऐसी भी बेटियां हैं, जो शौचालय नहीं होने पर शादी नहीं करती हैं।