लखनऊ – यूपी राजधानी लखनऊ में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है।यहां रायबरेली रोड पीजीआई थाना क्षेत्र के पिपरौली गांव में किराए के मकान में रहने वाले रेलवे से सेवा निवृत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बेटी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।लम्बे समय से चल रहे बेटी के इलाज और कई महीने से पेन्शन भी न मिलने से बदहाल बुजुर्ग सेवानिवृत्त कर्मी…
अपनी जवान बेटी का शव लेकर समशानघाट में सुबह 8 बजे से तीन नन्हे बच्चों के साथ मददगारों की आश लेकर बैठा रहा, देर शाम समाज सेवकों और स्थानीय पुलिस के संयुक्त सयोग से शव का अंतिम संस्कार किया गया।65 वर्ष के पूर्व रेलवे कर्मचारी बुजुर्ग शिवप्रकाश सिंह के मुताबिक वो अपनी 35 वर्षीय बेटी नीलम के साथ पिपरौली गांव में किराए का मकान लेकर निवास करते हैं,बेटी नीलम की तीन मासूम औलादें भी उन्हीं के साथ रहती हैं।
नीलम ने बहराइच जिले के हाफिज नाम के युवक से प्रेम विवाह किया था लेकिन तीन बच्चों के जन्म होने के बाद वो उसे छोड़ कर फरार हो गया था।इधर पिछले कई दिनों से नीलम मियादी बुखार से ग्रसीत थी जिसका घर पर ही इलाज चल रहा था,रविवार को अचानक तबियत बिगड़ जाने के कारण उसे आशियाना के लोकबंधु अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसे बलरामपुर अस्पताल भेज दिया जहाँ मंगलवार की सुबह नीलम ने दम तोड़ दिया।
बेटी का शव लेकर घर पहुचे बुजुर्ग को मकानमालिक ने अंदर घुसने तक नहीं दिया, बेटी के शव और उसके तीन नन्हे बच्चों समेत बुजुर्ग सुबह 8 बजे तेलीबाग के शमसान जा पहुंचा लेकिन जेब में फूटी कौड़ी न होने के कारण वो घंटों अपनी मदद के लिये लोगों को खोजता रहा।
समाज सेवियों और स्थानीय पुलिस के सहयोग से किया गया देर शाम अंतिम संस्कार
शाम 4 बजे जब इस बात की सूचना क्षेत्र में फैली तब शमसानघाट में समाजसेवकों का ताता लगना शुरू हो गया।मौके पर पहुंचे पीजीआई थाने के दरोगा रणविजय सिंह ने उदारता के साथ बुजुर्ग का आर्थिक सहयोग करने की शुरुआत की और देखतेही देखते समाजसेवी एस के द्वीवेदी,मनोज कुमार पाल,पूर्व पार्षद प्रताप सिंह, अजय भारती, धर्मराज रावत इत्यादि लोगों के द्वारा बुजुर्ग और मासूम बच्चों को आर्थिक सहयोग किया गया।