न्यूज डेस्क — इंटरनेट पर पाबंदी और लंबे समय तक धारा 144 लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है.दरअसल अनुच्छेद 370 पर इंटरनेट सेवाएं बंद करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसका सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आजादी और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इंटरनेट और सूचनाओं के बीच संतुलन बनाए रखना होगा. इसे समझना जरूरी है कि कौन सी बात भड़का रही है और कौन सी सूचना दे रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इंटरनेट के जरिये सूचना का आदान-प्रदान आर्टिकल 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है. इंटरनेट पर बैन के वाजिब कारण होने चाहिए. कोर्ट ने धारा 144 को लेकर कहा, इसे विचारों की विविधता को दबाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा, सरकार द्वारा प्रतिबंध से जुड़े आदेश कोर्ट में पेश करने से इंकार करना सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मूब-कश्मीड़र में ई-बैंकिंग और व्या पारिक सेवाएं बहाल करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने सरकार से एक हफ्ते के अंदर पाबंदियों के सभी आदेशों की समीक्षा करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा, पाबंदियों से जुड़े सभी आदेशों को सार्वजनिक किया जाए ताकि उन्हें कोर्ट में चुनौती दी जा सके.