अम्बेडकरनगर जनपद की बेवाना पुलिस की इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला चेहरा सामने आया है. जहाँ लॉक डाउन के दौरान पुलिस के अच्छे कार्यो से भूरी भूरी प्रसंशा हो रही है. तो वही कुछ पुलिस (police) वाले आज भी अपने काले कारनामो से यूपी पुलिस की छवि को धूल धूसरित कर रहे है.
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ये था पूरा मामला
मामला अम्बेडकरनगर के बेवाना थाना का है जहां एक व्यक्ति को पुलिस (police) अधीक्षक से थाने में तैनात एसआई शौकत अली और सिपाही अरुण सिंह की काली करतूतों की शिकायत करना भारी पड़ गया. युवक और उसकी पत्नी अपने घर के सामने सब्जी की दुकान से सब्जी खरीद रहे थे तभी थाने के सिपाही अरुण सिंह और शौकत अली दरोगा जी धमक पड़े और लॉक डाउन के बहाने से उस व्यक्ति को पुलिस वाले जबरदस्ती थाने उठा ले गया.
खंभे से बांधकर पूरी रात डंडे एवं पट्टे से की पिटाई
उसकी पत्नी हाथ जोड़ती रही गिड़गिड़ाती रही लेकिन वर्दी के नशे में दरोगा जी को कुछ दिखाई नही पड़ा और थाने पर लाकर एक निर्दोष युवक को खंभे में बांधकर पूरी रात डंडे एवं पट्टे से पिटाई की गई जब युवक चीखते चीखते बेहोश हो गया तब उसे सुबह 151 करके छोड़ दिया गया. आखिरकार वर्दीधारियों के काले कारनामे का विरोध करना युवक को इतना महंगा पड़ेगा कि उसके जान के लाले पड़ जायेंगे शायद उसे मामूल नही था कि ये वर्दी वाले साहब जी है इनकी दुनिया कोई और है ये इंसान नही बहशी दरिन्दे दिखाई पड़ रहे है.
सवालों के घेरे में पुलिस
वो रोता रहा चिल्लता रहा लेकिन पूरे थाने में उसकी चीख थाने की चहरदीवारियों में टकराकर वापस आ जाती उसकी चीख पुकार और दर्द को कोई सुनने वाला नही था. सबके सब जल्लाद बन गए थे इंसानियत मर चुकी थी. आप इस युवक को देखकर अन्दाजा लगा सकते है कि वो रात इसके लिए किसी बुरे साये से कम नही थी. लेकिन मामला संज्ञान में आने के बाद भी अभी तक इन दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही न होना कही न कही उच्च अधिकारियों को भी सवालो के घेरे में खड़ा करती है.
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(रिपोर्ट- कार्तिकेय द्विवेदी, अम्बेडकरनगर)