लखनऊ– ’’हमें 20 प्रतिशत से कम वेतनवृद्धि समझौता स्वीकार्य नहीं है’’ यह विचार कल स्टेट बैंक, स्थानीय प्रधान कार्यालय में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स द्वारा देशव्यापी बैंक हड़ताल के आवाह्न पर आयोजित सभा में एन.सी.बी.ई. तथा एस.बी.आई.एस.ए. के मण्डल महामंत्री काम0 के.के.सिंह ने व्यक्त किये।
उन्होने बताया कि नवम्बर 2017 से बैंककर्मी अपनी वेतनवृद्धि के लिये प्रयासरत हैं, किन्तु केन्द्र सरकार एवं आई.बी.ए. के अडियल रवैये के कारण कोई परिणाम न निकल सका। पिछली वेतनवृद्वि 15 फीसदी की जा चुकी है हमें 20 प्रतिशत से कम वेतनवृद्धि समझौता स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होने बताया कि दो दिनों की हड़ताल के बाद हम मार्च में 11 से 13 और 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे है।
दीपू बाजपेई, उपाध्यक्ष- ए.आई.बी.ई.ए. ने बताया कि सरकारी विभागों के जनधन योजना, बीमा योजनाओं, आधार कार्ड आदि कार्य बैंकों द्वारा कराया जा रहा है और वेतनवृद्वि के नाम पर हमारा अपमान किया जा रहा है। इसे हम कतई सहन न करेंगे। आर.एन.शुक्ला, महामंत्री-इलाहाबाद बैंक ने कहा-‘‘बड़े बकायेदारों की सूची सार्वजनिक किये जाने की माँग लगातार की जा रही है किन्तु किन्ही अज्ञात कारणों से भारत सरकार एवं बैंक प्रबन्धन द्वारा कोई निर्णय नही लिया जा रहा है।’’ सभास्थल पर बैंककर्मी 20 प्रतिशत वेतनवृद्वि से कम स्वीकार नहीं, 5 दिवसीय बैंकिंग, पुरानी योजना लागू करो, पेंशन पुनरीक्षण एवं पारिवारिक पेंशन मे समुचित वृद्धि, बैंकों का विलय, मूल्य वृद्वि, जनविरोधी नीतियों आदि समस्याओं पर केन्द्र सरकार के विरूद्व नारेबाजी कर रहे थे।
सभा को के.के.सिंह, दिलीप चैहान, वी.के.सेंगर, पवन कुमार, दीपू बाजपेई, आर.एन.शुक्ला, एस.डी.मिश्र, डी.पी.वर्मा, अखिलेश मोहन, एस.के.संगतानी, अनिल श्रीवास्तव, यू.के.दुबे, राजेश शुक्ला आदि बैंक नेताओं ने सम्बोधित करते हुये सम्मानित वेतनवृद्वि न होने पर बैंककर्मियों को लम्बे संघर्ष के लिये तैयार रहने का आवाह्न किया।