अप्रैल-मई में हजारों लोगों के जान लेकर मौत का तांडव मचाने वाला कोई और नहीं बल्कि वेरिएंट डेल्टा (Delta Variant) वायरस ही था। दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माने जा रहे इस डेल्टा वायरस ने यूपी में भी हजारों लोगों की जान ले ली। दरअसल यह चौकाने वाला खुलासा प्रदेश के 355 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट से हुआ है।
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92 प्रतिशत सैंपल में डेल्टा प्लस वायरस मिला
मिली जानकारी के मुताबिक 355 सैंपल में से 327 यानी 92 प्रतिशत सैंपल में डेल्टा प्लस वायरस पाया गया। हालांकि अभी एक हजार सैंपल के नतीजे आने बाकी हैं। दूसरी लहर में मिले डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) ने कोरोना की पहली लहर में पाए गए अल्फा वेरिएंट के मुकाबले काफी तेजी से संक्रमण फैलाया।
अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बड़ी संख्या में लोगों में पाए गए डेल्टा वेरिएंट को देखते हुए लोगों को सलाह दी है कि वह दो मास्क जरूर लगाएं और दो गज की शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन करें, ताकि तीसरी लहर से बचा जा सके।
INSACOG ने जारी की रिपोर्ट
द इंडियन सार्स कोविड-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा जीनोम सिक्वेंसिंग से संबंधित यह रिपोर्ट जारी की गई है। उधर 327 में से सिर्फ 28 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग में अल्फा वेरिएंट पाया गया। डेल्टा वेरिएंट के कारण ही यूपी में कोरोना रोगियों के फेफड़ों पर ज्यादा खराब असर डाला और लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित किया।
अल्फा वेरिएंट से एक व्यक्ति जितने लोगों को संक्रमित कर रहा था, उससे कहीं ज्यादा डेल्टा वेरिएंट से हुआ। यही कारण है कि दूसरी लहर में प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो गए। फिलहाल अब डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Variant) से बचने के लिए हमें दूसरी लहर से सबक लेना होगा।
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