सोनभद्रः नोवल कोरोना (corona) यानी कोविद 19 जो वैशविक महामारी घोषित हो चुकी है जिस पर प्रभावी नियंत्रण रखने के लिए केन्द्र सरकार ने 21 दिन का लॉक डाउन लागू किया है। इस दौरान सोनभद्र जिले में बाहर से आने वालों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है लेकिन गांवो में जाने वाले संविदा चिकित्सको की टीम के पास बचाव के समुचित संसाधन मौजूद नही है इसके बावजूद भी टीम सूचना मिलने पर गांवो में पहुच कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी कर रही है।
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एक call पर पहुंचती है टीम
दरअसल जनपद सोनभद्र के आज नक्सल प्रभावित क्षेत्र चतरा विकासखंड के नरोखार गांव से करीब 44 व्यक्ति काम करने के लिए बाहर गए हुए थे। जैसे ही वे गांव में पहुंचे की ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान विमलेश सिंह द्वारा चतरा के चिकित्सा प्रभारी रोहित सिंह को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही चिकित्सा प्रभारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरबीएफ के मोबाइल टीम को मौके पर परीक्षण कराया गया।
टीम के पास सुरक्षा कवच की कोई सामग्री नहीं
इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस टीम को चिकित्सा विभाग द्वारा कोरोना (corona) जांच के लिए लगाया गया है उसके पास ही सुरक्षा कवच की कोई सामग्री नहीं है जिसमें मास्क सैनिटाइजर सहित अन्य सुरक्षा की सामग्री चिकित्सकों के पास होनी चाहिए लेकिन चिकित्सा विभाग द्वारा इसकी कोई प्रबंध नहीं किया गया है। चतरा विकास खंड के नर ओखर गांव में जांच करने के लिए पहुंचे चिकित्सकों ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा हम लोगों को सूचना मिली कि गांव में 44 लोग बाहर से कमा कर आए हुए हैं और इनकी जांच कराई जानी चाहिए।
सूचना मिलते ही चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंचकर सभी का परीक्षण किसने एक व्यक्ति सर्दी जुखाम से पीड़ित मिला जिसे वायरल फीवर है। उसे दवा दे दी गई है साथ में किसी प्रकार की कोई दिक्कत होती है तो उसे एक नंबर दिया गया है जिस पर वह तत्काल सूचित करें उसे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस टीम में डॉक्टर बृजेश दूबे , डॉक्टर राकेश पाण्डेय , सूर्यकांत शुक्ला समेत अन्य संविदा स्टाफ शामिल रहा।
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(रिपोर्ट- रविदेव पाण्डेय, सोनभद्र)