उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मेरठ मेडिकल कॉलेज ने मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया। दरअसल अस्पताल स्टाफ को 15 हजार रूपये ना देनें पर कोरोना संक्रमित का शव देनें से इंकार कर दिया। करीब ढ़ाई महीनें बाद आखिर में एनजीओ की मदद से उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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ढाई महीने तक अस्पताल में पड़ा रहा शव
जानकारी के अनुसार बिहार निवासी एक व्यक्ति नरेश हापुड़ के पन्नापुरी में अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता था। ढ़ाई माह पूर्व कोरोना संक्रमित होने के बाद हापुड़ जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया,वहां से मेरठ मेडिकल में शिफ्ट किया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि स्टाफ ने 15 हजार की रसीद कटवाने अन्यथा शव का अंतिम संस्कार की बात कही ।
पैसा ना होने पर महिला अपने बच्चों को लेकर बिहार चली गई। तीन दिन बाद मेरठ मेडिकल ने नरेश का शव हापुड़ प्रशासन को सौंपा। प्रशासन ने मृतक की पत्नी गुड़िया का पता लगाकर उसके पति का शव सौंपा और चौराखी पर जाकर अंतिम संस्कार करवा दिया।
जानें हापुड़ सीएचसी ने किया कहा
वहीं इस मामले में हापुड़ सीएचसी प्रभारी डॉ. दिनेश खत्री का कहना है कि मृतक के भाई को मेरठ के अस्पताल से पॉजिटिव की बात बताई गई थी, लेकिन वह यह बात सुनकर भाग गया था। तब से उसने अब तक अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ भी किया हुआ है। अब मृतक के मकान मालिक व उसकी पत्नी को ढूंढ कर शव उनके सुपुर्द कर दिया गया है।
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(रिपोर्ट- विकास कुमार, हापुड़)