लखनऊ: रिलायंस ने corona वायरस को देखते हुए लोगों की मदद के लिए क़दम बढ़ाए हैं। रिलायंस ने कहा है कि वो संकट की इस घड़ी में सरकार की मदद करने के लिए तैयार है। रिलायंस ने सिर्फ़ दो सप्ताह में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए अस्पताल बनाया है।
यह भी पढ़ें-Corona: अखिलेश यादव ने की अपील,-‘डाक्टरों की सलाह व चेतावनी जरूर मानें’
ये देश का पहला ऐसा अस्पताल है, जो केवल corona वायरस के मरीजों के लिए होगा। एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल ने भी corona वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज करने और क्वारंटाइन की सुविधा देने की घोषणा की है। साथ ही रिलायंस फाउंडेशन देश के विभिन्न शहरों में लोगों को मुफ्त भोजन भी देगा। ये काम कई एनजीओ के माध्यम से किया जाएगा।
महाराष्ट्र के लोधीवाली में भी एक आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। रिलायंस लाइफ साइंस ने विदेश से मेडिकल कीटस इम्पोर्ट करने का फ़ैसला लिया है। डिमांड को पूरा करने के लिए कम्पनी ने प्रतिदिन 1 लाख फेस मास्क का निर्माण शुरू कर दिया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 करोड़ रुपए का दान दिया गया है। जियो ‘corona हारेगा, इंडिया जीतेगा’ इनिशिएटिव शुरू किया है, जिसमें लोगों को घर में रह कर काम करने और परिवार व प्रियजनों से जुड़े रहने के लिए उत्साहित किया जा रहा है।
जियो हेल्थ केयर ने घोषणा की है कि वो लोगों को घर में रह कर ही कोरोना के लक्षण जाँच करने की सुविधा देना शुरू कर दिया है, जिससे अस्पतालों में आवश्यक रूप से भीड़ न बढ़े। रिलायंस ने तकनीक के माध्यम से सरकार द्वारा जारी की गई हेल्पलाइन नंबर को लोगों तक पहुँचाने में भी मदद करने का ऐलान किया है। जियो ने बिना किसी सर्विस चार्ज के लोगों के घर तक ब्रॉडबैंड पहुँचाने का फ़ैसला लिया है, जिससे लोग ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर सकें।
साथ ही अब जियो धारकों को ज्यादा वॉइस कॉल डेटा भी दिया जाएगा।साथ ही सभी इमरजेंसी सेवाओं की गाड़ियों को रिलायंस अपने पेट्रोल पम्प्स पर मुफ्त में तेल भी देगा। पूरे देश में रिलायंस के 736 ग्रोसरी स्टोर्स हैं, जिन्हें लोगों के डिमांड्स को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है। अब ये सभी स्टोर्स सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक खुले रहेंगे। इन स्टोर्स में सब्जियों व अन्य चीजों का इंतजाम किया जाएगा। साथ ही बुजुर्गों के लिए होम डिलीवरी की व्यवस्था की जाएगी।
रिलायंस ने अपने कर्मचारियों को भी भरोसा दिया है कि वो स्थायी हों या कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड, उन्हें सैलरी मिलती रहेगी- भले ही उनसे काम लिया जाए या नहीं। साथ ही जिन भी कर्मचारियों का वेतन 30,000 से कम है, उन्हें महीने में 2 बार वेतन दिया जाएगा ताकि उन्हें कैश की कमी न हो।