देश भर में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है. हर दिन corona के नए आंकड़े डरा रहे हैं. देश का कोई ऐसा राज्य नहीं बचा है, जहां कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम नहीं मचाया हो. पिछले कुछ दिनों में कोरोना के बढ़ते मामलों में कमी जरूर आई है लेकिन खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है.
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9 साल से कम उम्र के 40 हजार बच्चे चपेट में…
कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात बड़ी संख्या में बच्चों का पॉजिटिव होना है. बच्चों में कोरोना के संक्रमण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल कर्नाटक जैसे राज्य में ही पिछले दो महीने में 9 साल से कम उम्र के 40 हजार से ज्यादा बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार की नींद उड़ा दी है. कोरोना के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो कर्नाटक में 0-9 साल की उम्र के 39,846 और 10-19 उम्र के 1,05,044 बच्चे कोविड पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. कोरोना का ये आंकड़ा इस साल 18 मार्च से 18 मई तक का है.
दूसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल जब से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी, तब से लेकर इस साल 18 मार्च तक 17,841 और 65,551 बच्चे कोविड से संक्रमित हुए थे. इन आंकड़ों के मुताबिक पिछली बार की तुलना में दूसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हुई है. पिछली बार की तुलना में दूसरी लहर में तकरीबन दोगुने की रफ्तार से बच्चों को कोरोना संक्रमण हुआ है.
वहीं बच्चों की सेहत पर नजर रखने वाली डॉक्टर सुपराजा चंद्रशेखर ने कहा कि हमने देखा है कि कोविड का संक्रमण बच्चों में उतना असर नहीं करता कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़े. दस में से सिर्फ एक ही बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ती है, बाकी के बच्चे आसानी से घर पर ही आइसोलेट होकर ठीक हो जाते हैं.
सख्ती से करें देखभाल
हालांकि इस दौरान घर पर उनकी ठीक और सख्ती से देखभाल करने की जरूरत होती है. उन्होंने कहा, जैसे ही बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखाई दें, तुरंत ही उनका कोविड टेस्ट करवाना चाहिए.
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