फर्रुखाबाद–बोर्ड एग्जाज को लेकर सरकार के सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। बोर्ड एग्जाम को लेकर जिस गंभीरता से बच्चे पढ़ते हैं; उतनी गंभीरता अगर प्रशासन भी दिखाए तो बच्चों को भविष्य़ यूं दांव पर ना लगे।
दरअसल कुशीनगर से कुछ कॉपियां चेक होने फर्रुखाबाद आईं। कुशिनगर से लखीमपुर, सीतापुर हरदोई और फिर फर्रुखाबाद ये कॉपियां पहुंचीं, लेकिन जब ये कॉपियां फर्रुखाबाद पहुंचीं, तो यहां ना तो कॉपियां के साथ कोई पुलिसकर्मी था और ना ही कोई शिक्षक। ये कॉपिय़ां यहां तक 2 फोर्थ क्लास कर्मचारी और 1 ड्राइवर के भरोसे पहुंची हैं। करीब दिन के 2 बजे ये कॉपियां यहां पहुंची थीं और हमारी खबर लिखे जाने तक कॉपियां वहीं लावारिस हाल में थीं। अब चूंकी कॉपियों को कोई हैंडओवर करने वाला नहीं था इसलिए कॉपियां राजकीय स्कूल में लावारिस हालत में स्कूल में डीसीएम में रखी हैं। उनकी सुरक्षा करने वाला भी कोई नहीं है। ऐसे में ये सवाल उठता है की आखिर इन बोर्ड एग्जाम की कॉपियों के साथ कोई पुलिसकर्मी और शिक्षक क्य़ों नहीं आए और अगर वो साथ आए थे तो राजकिय स्कूल तक ना पहुंच कर बीच रास्ते में किसकी इजाजत से उतर गए? लावारिस हाल में रखी कॉपियां अगर गायब हो जाती हैं, चोरी हो जाती हैं, या फिर उन्हें और किसी तरह का नुकसान पहुंचता है तो आखिर ये किसकी जिम्मेदारी बनती है क्योंकि केद्र व्यवस्थापक अरुण प्रताप सिंह राठौर ने हैंडओवर लेने से इनकार कर दिया है।
बता दें बोर्ड एग्जाम की कॉपियां दूसरे जिले में चेक होने के लिए जाती हैं। कॉन्फीडेंसियल होने की वजह से सिक्यूरिटी को लेकर ऐसा किया जाता है। जब कॉपियां भेजी जाएंगी, तो उनकी सुरक्षा आदि को लेकर भी कुछ नियम हैं। उसके मुताबिक कॉपियों के साथ 1 हथियार बंद पुलिसकर्मी, 2 शिक्षक और 2 फोर्थ क्लास कर्मचारी आते हैं। ड्राइवर अलग होता है।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद )