बलिया — निर्भया के गाँव में बने प्राथमिक चिकित्सालय में दुर्व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों द्वारा तीन दिनों से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। धरने पर पहुंचे बलिया के सीएमओं ने गाँव वालो के सामने ही निर्भया को लेकर विवादित बयान दे दिया साथ ही गाँव वालो से कहा कि जब डॉक्टर पैदा नही कर सकते तो डॉक्टर मिलेगा कहा से।
दिल्ली में निर्भया कांड के बाद निर्भया के गाँव विकास के बड़े-बड़े दावे किये गये उन्ही दावों में से एक नए प्राथमिक चिकित्सालय का निर्माण भी था। दरअसल निर्भया डॉक्टर बनना चाहती थी और अपने दूर दराज के गाँव में लोगो की सेवा करनी चाहती थी उसकी याद में बनाये गये चिकित्सालय दुर्व्यवस्था का शिकार हो गया जहा न डॉक्टर है न दवा। ऐसे में ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। गाँव वालो की समस्याओं को सुनने पहुंचे बलिया के सीएमओं ने ग्रामीणों के साथ अभद्रता से बात करना शुरू कर दिया।
सीएमओ महोदय ने कहा हमसे फालतू बात न करिए पहले मेरी बात सुनिए…. जब यहां गांव में डॉक्टरी पढ़ने की ताकत नही है तो डॉक्टर की उम्मीद कैसे कर रहे है।…जब पैदा नही होंगे तो कहा से होंगे… अस्पताल बनना हमारा काम नही है डॉक्टर का काम है डॉक्टरी पढ़ के डॉक्टरी में जाना चाहिए। पूरे गांव में डॉक्टर तो है नही और बतिया रहे है बड़े -बड़े बात।
निर्भया के गांव में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं
दरअसल निर्भया का गाँव ऐसे इलाके में है जहा सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नही। प्राथमिक चिकित्सालय ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत बन कर आया पर डॉक्टर न होने और सुविधाओं के न होने के कारण मुसीबत बन गया। निर्भया के दादा लाल जी सिंह का कहना है कि शासन प्रशासन निर्भया की बात तो जरुर करता है पर निर्भया के नाम पर गाँव में विकास के नाम पर हर दावा झूठा शाबित हो रहा है।
अब सवाल ये उठता है कि एक वरिष्ठ अधिकारी को ऐसा बोलने का हक किसने दिया। ग्रामीणों की समस्या सुनने और उनका समाधान निकालने के बजाय सीएमओ साहब ग्रामीणों से उलझते नजर आए और एक बाद एक बेतुके और शर्मसार करने वाले शब्द ग्रामीणों को सुनाने लगे। निर्भया के गांव की बदहाली का जिम्मेदार आखिर कौन है जहाँ न, ही, निर्भया के दोषियों को अब तक सजा मिली और न ही निर्भया के गांव को इंसाफ के साथ विकास मिला।
(रिपोर्ट-मनोज चतुर्वेदी,बलिया)