उत्तर प्रदेश के बलिया में न्यायालय परिसर में बम होने की सूचना से हड़कम्प मच गया. आनन-फानन में भारी पुलिस फोर्स कचहरी पहुंच गई. यहां सघन तलाशी अभियान चलाया गया. पूरी छानबीन के बाद न्यायालय परिसर में बम की सूचना अफवाह निकली. WhatsApp
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बताया जा रहा है कि एक पुलिस कांस्टेबल राकेश कुमार ने पुलिसकर्मियों के एक व्हॉट्सएप (WhatsApp) ग्रुप में बलिया न्यायालय परिसर में बम होने की सूचना पोस्ट कर दी थी. इसके बाद विभाग में हड़कम्प मच गया. आनन-फानन न्यायालय परिसर में छानबीन की गई.
छानबीन के बाद पता चला कि न्यायालय परिसर में बम होने की अफवाह विभाग के ही एक सिपाही ने फैलाई थी. इसके बाद कांस्टेबल के खिलाफ केस दर्ज कर उसे सस्पेंड कर दिया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है.
पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजा
दरअसल, पुलिस के एक व्हाट्सएप (WhatsApp) ग्रुप में एक मैसेज वायरल हुआ, जिसमें बलिया न्यायालय परिसर में बम मौजूद होने की सूचना दी गई थी. कुछ देर में ही यह मामला हाईप्रोफाइल हो गया तथा पूरा कोर्ट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. पुलिस ने छानबीन शुरू की. एहतियातन कोर्ट परिसर के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई.
हालांकि, बम का सुराग नहीं लग सका. इसके बाद सूचना देने वाले व्यक्ति की छानबीन शुरू हो गई. पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच-पड़ताल में पता चला कि कोर्ट परिसर में बम रखे जाने की सूचना सर्विलांस सेल में तैनात सिपाही ने फैलाई थी. इसके बाद देर रात नगर कोतवाली में आरोपित कांस्टेबल के खिलाफ केस दर्ज किया गया. एसपी ने आरोपित सिपाही राकेश कुमार को सस्पेंड कर मामले के जांच का आदेश दिया है.
सीएम ने डीजीपी को किया तलब
कोर्ट परिसर में बम होने की सूचना वायरल होते ही मामला सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया. मुख्यमंत्री ने डीजीपी को तलब कर लिया. सूत्रों की मानें तो इसके बाद आईजी, डीआईजी और एसपी से सम्पर्क कर पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के बाद डीजीपी कार्यालय ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
कार्रवाई के निर्देश
दरअसल, पुलिसकर्मियों के एक व्हॉट्सएप (WhatsApp) ग्रुप में कई जनपदों के पुलिसकर्मी जुड़े हैं, जिसके जरिये सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है. इसमें सर्विलांस व एलआईयू के साथ ही अन्य गुप्तचर एजेंसियों के जवान हैं. आमतौर पर इस तरह की सूचनाएं ग्रुप में डालते रहते हैं. हालांकि इस बार राकेश द्वारा डाली गयी जानकारी किसी और पुलिस ग्रुप में वायरल हो गई. इसका नतीजा यह हुआ कि अनुशासनहीनता मानते हुए उसके खिलाफ केस दर्ज कर सस्पेंड कर दिया गया.
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