राजस्थान के राजनीतिक गलियारे में बवाल मचा हुआ है। दरअसल, राजस्थान में नए मुख्यमंत्री पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई विधायक दल की बैठक से पहले ही बवाल मच गया। जिसकी वजह से गहलोत गुट के विधायक बगावत करने पर उतर आए है। दूसरी तरफ अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के नामांकन की संभावनाएं भी तेज़ होती नजर आ रही हैं। इस बीच कांग्रेस नेता और राजस्थान के शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल का बड़ा बयान सामने आया है। जो उन्होंने रविवार को गहलोत समर्थक विधायकों की बैठक में दिया था। शांति धारीवाल ने कांग्रेस आलाकमान को नसीहत देते हुए कहा था कि अशोक गहलोत को सीएम पद से हटाने से राजस्थान में पंजाब जैसी गलती रिपीट हो रही है।
विधायकों की बैठक से प्रभारी नाराज:
बता दें कि कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने कहा कि अनाधिकारिक बैठक बुलाना अनुशासनहीनता है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि कोई नहीं जानता कि कितने विधायक थे और उनमें से कितनों ने इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, कांग्रेस विधायक दल की बैठक को रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर बुलाया गया था। लेकिन बाद में रद्द कर दिया गया क्योंकि गहलोत गुट के 90 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा देने की धमकी दी थी।
राजस्थान राजनीति में क्यों मचा है बवाल:
दरअसल, अशोक गहलोत चाहते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ राजस्थान का मुख्यमंत्री रहने दिया जाए। जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि एक नेता को एक ही पद दिया जाएगा। जिसकी वजह से रविवार से राजस्थान की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। दूसरी तरफ गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए कांग्रेस के विधायकों ने उनके समर्थन में इस्तीफे दे दिया हैं। वही चर्चा भी तेज हो गई है कि गहलोत की जगह पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को सीएम बनाया जा सकता है । आलाकमान भी इसके लिए तैयार बताया जाता है । लेकिन सचिन पायलट के विरोध में गहलोत खेमा खड़ा हो गया है। ऐसे में जल्द ही पायलट और गहलोत को दिल्ली बुलाया जा सकता है।
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