न्यूज डेस्क — 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल की तरह माने जा रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा को सबसे बड़ा झटका लगा है।5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से कांग्रेस ने 3 राज्यों में जीत का परचम लहराया है।
कांग्रेस शानदार जीत के साथ छत्तीसगढ़ में सरकार बना रही है, जबकि राजस्थान और मध्यप्रदेश में वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और इन दोनों राज्यों में भी उसकी सरकार बनती नजर आ रही है।हालांकि मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली है। एमएनएफ भारी बहुमत के साथ मिजोरम में सरकार बना रही है जबकि तेलंगाना में के. चन्द्रशेखरराव (केसीआर) का जादू एक बार फिर चला और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) जीत के साथ राज्य में वह लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 90 में से 68 सीटों पर विजय हासिल की है। भाजपा की झोली में 15 सीटें गई हैं जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने 5 और बसपा ने 2 सीटों पर जीत हासिल की हैं। राजस्थान की 15वीं विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत प्राप्त की है और वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। राजस्थान में कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के समर्थन से बुधवार को राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।
कांग्रेस के सहयोगी दल रालोद के 1 प्रत्याशी सुभाष गर्ग ने जीत हासिल की है और इस तरह से कांग्रेस गठबंधन ने राजस्थान में बहुत प्राप्त कर लिया है। भाजपा 73 सीटों पर सिमट गई तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 6 सीटें मिली हैं। राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 सीटें, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2-2 सीटें मिली हैं, जबकि 13 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
वहीं मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर के बीच कांग्रेस सबसे को सर्वाधिक सीटें मिली हैं। कांग्रेस को हालांकि बहुमत नहीं मिल पाया है, लेकिन राज्य में उसकी सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है। इस राज्य में 230 सीटों में से कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि भाजपा को 109 सीटें मिली हैं। सपा और बसपा की झोली में 2-2 सीटें गई हैं जबकि 4 सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों को मिली हैं। विधानसभा में बहुमत के लिए 116 सीटों की आवश्यकता है।
गौरतबल है कि विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद अब विपक्ष पूरे उत्साह के साथ संसद के शीतकालीन सत्र में प्रवेश करेगा। यानी, शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष आक्रामक रुख अपनाएगा। राफेल, सीबीआई, आरबीआई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे अब मोदी सरकार की परेशानी संसद सत्र में बढ़ा सकते हैं।
इसमें तो कोई संदेह नहीं कि इस जीत के बाद राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी से लड़ने की नई राजनीतिक शक्ति मिली है। विधानसभा चुनाव के नतीजों ने ये भी साफ कर दिया है कि अब 2019 का लोकसभा चुनाव और भी ज्यादा कड़ा होने वाला है।क्योंकि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे तो दूसरी तरफ जीत से लबालब राहुल गांधी।