धूप खिल रही है, लेकिन सुबह-शाम ठंड होने लगी है। अब गर्म कपड़े निकालने का समय आ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले तीन से चार दिनों में तापमान में और गिरावट आएगी। हालाँकि, इस बार गर्मी का मौसम लंबे समय तक जारी रहा। सितंबर माह में अप्रैल जैसी गर्मी का अहसास हो रहा था, लेकिन नवंबर के मध्य में मौसम बदल गया है। अब घर की छतों पर रखी टंकी का पानी भी गर्म नहीं हो रहा है। सुबह की ठंड ने स्वेटर पहनने पर मजबूर कर दिया है। शाम को भी सूर्य देव छह बजे से पहले ही अस्त हो जा रहे हैं। इससे रातें लंबी होने लगी हैं।
थोड़ी सी लापरवाही पड़ेगी भारी
चिलचिलाती धूप और गर्म मौसम के बाद अब गुलाबी मौसम ने दस्तक दे दी है। रात का तापमान भी गिरने लगा है। इससे रात का मौसम ठंडा होने लगा है। वैसे तो सर्दी का मौसम अच्छा रहा है, लेकिन मौसम बदलने पर थोड़ी सी लापरवाही सेहत के लिए खतरा बन सकती है। ऐसे में सावधानी बरतकर गुलाबी मौसम का आनंद लिया जा सकता है। उधर, बदलते मौसम के साथ बाजार का रुख भी बदल गया है। लोग गर्म कपड़ों की खरीदारी पर ध्यान देने लगे हैं।
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गुलाबी ठंड के इस मौसम में खास ख्याल रखने की जरूरत है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है। डॉक्टरों के मुताबिक इस बदलते मौसम के कारण बुजुर्ग, वयस्क और बच्चे सांस संबंधी बीमारी, मियादी बुखार, डेंगू बुखार, एलर्जिक राइनाइटिस बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। चिकित्सक डॉ. प्रदीप कुमार ने सलाह दी कि इस बदलते मौसम में थोड़ी सावधानी बरतकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। डेंगू बुखार के लक्षणों के बारे में कहा जाता है कि डेंगू के लक्षण तेज बुखार, आंखों के ऊपर माथे के पास तेज दर्द और हड्डियों और जोड़ों में तेज दर्द होता है। जीर्ण ज्वर में मुख्य लक्षण लगातार तेज बुखार रहना, दिन में बुखार बढ़ना-घटना, कमजोरी का एहसास होना, पेट खराब होना मुख्य लक्षण है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है मौसम
एलर्जिक राइनाइटिस में नाक बहना, लगातार छींक आना, हल्की खांसी, बुखार जैसा महसूस होना इस बीमारी के लक्षण हैं। इन सभी बीमारियों से बचने के लिए घर और आसपास अच्छे से सफाई करें। आसपास जलभराव न होने दें। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और अपने शरीर को ढकें।
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साफ पानी पियें, पानी को गर्म करें, ठंडा करें और फिर पियें। सर्दी-गर्मी का विशेष ध्यान रखें। दिन में शरीर का पसीना सूखने के बाद ही नहाएं। इन सभी बीमारियों के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। मौजूदा मौसम सांस के मरीजों के साथ-साथ छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे में उन्हें सुरक्षित रहना चाहिए। बाहर निकलते समय नाक पर कपड़ा रखें। बाहर से आते ही आंखों को सामान्य पानी से धोना चाहिए।
अगले तीन-चार दिनों में ठंड बढ़ेगी
इन दिनों उत्तर प्रदेश में अधिकतम तापमान 26 डिग्री से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। जबकि न्यूनतम तापमान 15-17 डिग्री सेल्सियस के बीच है। सोमवार की दोपहर अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहा। उत्तर प्रदेश में अगले तीन-चार दिनों में तापमान और गिरेगा। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, भूभौतिकी विभाग, बीएचयू वाराणसी के नोडल अधिकारी प्रो। रविशंकर सिंह एवं तकनीकी पदाधिकारी (मौसम वैज्ञानिक) शिव मंगल सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में मौसम परिवर्तनशील रहेगा। न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ ठंडी हवाएं चलने की संभावना है। इससे धीरे-धीरे ठंड बढ़ेगी। हवा की गति सामान्य रहेगी।
सर्दी शुरू होते ही शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाता है। इससे त्वचा में खिंचाव आता है और त्वचा फटने लगती है। ऐसे में त्वचा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। विशेषज्ञ अधिक कास्टिक साबुन का उपयोग न करने की सलाह देते हैं। मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। ठंड के मौसम में अगर आपका खाने-पीने का चार्ट बिगड़ जाए तो इससे न सिर्फ आपकी सेहत खराब होगी बल्कि आपके फिगर पर भी बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में विशेषज्ञ ने सर्दी के मौसम में रोजाना टहलने और व्यायाम की जरूरत बताई है।
विशेषज्ञ की राय
– आधी आस्तीन के कपड़ों की जगह पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
– रात के समय पंखे का प्रयोग करें।
-रात में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं।
– पानी उबालकर पिएं।
-संक्रमण वाले मरीजों से दूर रहें।
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