निकाय चुनावःउत्तर प्रदेश में आचार संहिता लागू

लखनऊ –उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तीथि जारी होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सूबे में आचार संहिता लागू कर दिया  है।अब राज्य सरकार के मंत्री अपने आवास से दफ्तर तक ही सरकारी वाहनों का उपयोग कर सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के तहत उन पर यह प्रतिबंध लगाते हुए निर्देश दिया है कि वे अपने दौरों को चुनाव प्रचार कार्य से नहीं जोड़ेंगे। 

आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव के दौरान राज्य का कोई भी मंत्री निर्वाचन से जुड़े किसी भी अधिकारी को विचार विमर्श के लिए नहीं बुलाएगा। यदि कोई अधिकारी निजी दौरे पर आए मंत्री से मिलता है तो उसे कदाचार का दोषी माना जाएगा। निकाय चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए आयोग कटिबद्ध है। इसीलिए पहली बार आदर्श आचार संहिता की तीस पेज की पुस्तिका जारी कर मंत्रियों, उम्मीदवारों और शासकीय-अर्धशासकीय कर्मियों के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैैं। 

चुनाव आयोग द्वारा जारी इस दिशा निर्देश में कहा गया है कि मत प्राप्त करने के लिए जातीय, धार्मिक, सांप्रदायिक भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाएगा। मतदाताओं को प्रलोभन देना या उन्हें डराने-धमकाने को भी भ्रष्ट आचरण माना जाएगा। पूजा स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर गुुरुद्वारा का उपयोग चुनाव संबंधी कार्यों में नहीं किया जा सकेगा।इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग ने कड़े निर्देश भी जारी किये है.

वहीं चुनाव के प्रचार की अवधि में महापौर प्रत्याशी अपने जुलूस में अधिकतम 15 वाहनों का प्रयोग कर सकेंगे। इसी तरह नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष प्रत्याशी दस, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी पांच वाहनों का प्रयोग कर सकेंगे। नगर निगम के पार्षद उम्मीदवार पांच, नगरपालिका के पार्षद उम्मीदवार तीन तथा नगर पंचायत सदस्य उम्मीदवार दो वाहनों का प्रयोग कर सकेंगे। इससे अधिक उपयोग के लिए उन्हें जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी।

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