यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद की घटना पर सख्त कार्रवाई करते हुए लापरवाही के आरोप में इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है.
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यहीं नहीं सीएम ने अपराधियों पर एनएसए (NSA) लगाने के निर्देश दिए हैं.वहीं पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं. पीड़ित परिजनों का कहना था कि पुलिस ने जानबूझकर हत्या का केस नहीं लिखकर आरोपियों को बचाने का प्रयास किया.
ये था पूरा मामला…
बता दें कि मलिहाबाद के दिलावरनगर गांव में गुरुवार रात मामूली विवाद में युवक की मौत से आक्रोशित सैकड़ों लोग शुक्रवार सुबह सड़क पर उतर आए. उन्होंने लखनऊ-हरदोई राजमार्ग पर बांस-बल्लियां लगाकर सड़क जामकर दी और पकड़े गए तीन आरोपियों को मौके पर लाने की मांग की. अधिकारियों ने इनकार किया तो लोग प्रदर्शन, हंगामा करने लगे. जाम खुलवाने का प्रयास करने पर लोगों ने पथराव कर पुलिसकर्मियों को खदेड़ दिया.
इसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए. वहीं, हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ कई राउंड हवाई फायरिंग की, जिससे भगदड़ मच गई. इस दौरान दुकान पर बैठा एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. ग्रामीणों का आरोप है कि उसे पुलिस की गोली लगी है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी.
मलिहाबाद इंस्पेक्टर सस्पेंड
आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने बताया कि लापरवाही बरतने पर मलिहाबाद इंस्पेक्टर सियाराम वर्मा को सस्पेंड किया गया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी.
आईजी के मुताबिक 27 वर्षीय रामबिलास की मौत के मामले में गुलाम अली, मुफीद, शानू, मुस्तकीम और गुड्डू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, बलवा, मारपीट, गाली-गलौज और धमकाने का केस दर्ज करके तीन को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल मामले की कार्रवाई की जा रही है.
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