लखनऊ–यूपी दिवस के अवसर पर राजधानी के अवध शिल्पग्राम में आयोजित हो रहे यूपी महोत्सव के उद्घाटन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 24 जनवरी 1950 से यूपी इस नाम से अस्तित्व में आया। आदिकाल से ही ये धरती पुण्य,पुरुषार्थ और पवित्र रही है।
उन्होंने कहा कि 70 वर्ष आज हमारे स्थापना के पूरे हुए हैं।ये 70 वर्षों की यात्रा में आत्ममंथन का अवसर होना चाहिए। आज कुछ लोगों का सम्मान यहां हुआ है कुछ लोगों का कल और परसों भी होगा हम तीसरी बार ये कार्यक्रम मना रहे हैं। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 67 वर्षों तक किसी को अतीत के बारे में जानने की फुर्सत नहीं थी, अतीत को विस्मृत करके कोई समाज व्यक्ति आगे नहीं बढ़ सकता।
1950 में जब तत्कालीन सरकार ने आगरा अवध सँयुक्त प्रांत को एक करके उत्तर प्रदेश के इस प्रान्त की अधिसूचना जारी की तब लोगों के दिमाग मे ये नहीं रहा होगा कि ये सबसे बड़ा प्रान्त होगा। दुनिया की सबसे पवित्र नदी गंगा अपनी सबसे अधिक दूरी यही तय करती है यहीं पर गंगा यमुना का संगम होता है जिससे सरस्वती प्रकट होती है, जहां काशी स्थित है।मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने रामराज्य की अवधारणा का संदेश दिया था, इसी धरती पर लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था और हमें पलायन न करने की बात सिखाई। यहां बुद्ध ने जन्म लेकर शांति का सन्देश दिया ,जैन तीर्थंकरों का जन्म यही हुआ, हमारे पूर्वजों ने स्वाधीनता आंदोलन में बलिदान दिया,आजादी के बाद सर्वाधिक प्रधानमंत्री देश को इसी उत्तर प्रदेश ने दिए है।
विपक्ष पर हमलावर होते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले वर्ष कुम्भ का भव्य आयोजन किया हमने कुंभ 2013 में 12 करोड़ आए थे। हमने पूछने वालों से कहा इस बार दोगुने आएंगे 24 करोड़ 56 लाख श्रद्धालु आए और स्नान कर पुण्य के भागीदार बन चुके हैं। कुल ढाई करोड़ लोग आए है, जिसमें मौनी अमावस्या को गंगा स्नान करने के आज सुबह तक 50 लाख लोगों ने प्रयागराज पहुंचकर गंगा स्नान किया हैं।