लखनऊ — उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने रविवार को राजधानी लखनऊ में गोमती नदी की सफाई के महाभियान का शुभारंभ किया.वहीं सीएम योगी ने इस अभियान को हरी झंडी दिखाते हुए खुद फावड़ा लेकर सफाई करने में जूट गए.
मुख्यमंत्री ने गोमती नदी में जलकुम्भी हटाने और उसकी समुचित सफाई कराने को प्राथमिकता देते हुए अभियान का आगाज किया. हालांकि पूर्व सीएम अखिलेश यादव को यह रास नही आया.
वहीं अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा नदियों को निर्मल प्रवाहमान बनाए रखने की इच्छाशक्ति भाजपा में नहीं है.लखनऊ की जीवनधारा गोमती नदी को निर्मल बनाने की योजना समाजवादी सरकार में बनाई गयी थी और उस दिशा में ठोस कदम उठाए थे.
उन्होंने कहा कि गोमती नदी के किनारे विश्वस्तरीय रिवरफ्रंट बनाया जहां बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है. भाजपा सरकार ने आते ही बदले की भावना से समाजवादी सरकार के जनहित के लोकप्रिय निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी. रिवरफ्रंट की हरियाली समाप्त कर दी और वहां लगे फाउन्टेन आदि बेकार हो गए. अब तो पूरी गोमती नदी में भयावह स्थिति तक जलकुंभी का साम्राज्य है.
अखिलेश ने कहा कि गोमती नदी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. नदी में गंदे नालों का उसमें गिरना जारी है. नदी की सफाई की बस बाते भर होती है. दिखावे के लिए मुख्यमंत्री भी पहुंच गए लेकिन नदियों को निर्मल प्रवाहमान बनाए रखने की इच्छाशक्ति भाजपा में नहीं है। स्वयं प्रधानमंत्री के क्षेत्र वाराणसी में गंगा आज भी मैली है. काली नदी की सफाई किए बगैर गंगा नदी की स्वच्छता संभव नहीं है। यमुना नदी तो मृत प्राय: हो गयी है.
बता दें कि सीएम योेगी द्वार शुरु किये गए गोमती नदी सफाई अभियान में 7 हजार कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं. लखनऊ नगर निगम, स्वयंसेवी संस्थाए के अलावा आम लोग भी इसका हिस्सा बने हैं.इस पूरे अभियान को 8 जोन मे बांटा गया है. बरसात से पहले गोमती नदी की सफाई का काम पूरा होगा. वहीं डीएम लखनऊ इस सफाई अभियान की निगरानी करेंगे. नगर निगम और सरकार के कई विभाग के अधिकारी भी इस अभियान में शामिल होंगे.