लखनऊ — लोकतंत्र के इस महापर्व में भाषा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. आजम खां हो बसपा सुप्रीमो मायावती हो या फिर खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ सब चुनाव प्रचार के चक्कर में अपनी-अपनी मर्यादा भूल चुके है.
ऐसे में चुनाव ने कडा रुख अपनाते हुए सब को जमकर फटकार लगाई है.यहीं नहीं चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले पर सख्त कार्रवाई करते हुए सीएम योगी के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटों का प्रतिबंध लगा दिया है. चुनाव आयोग की ओर से लगाए गए इस प्रतिबंध के बाद सीएम योगी को बलजरंली का सहारा लेना पड़ा उन्होंने मंगलवार को लखनऊ स्थित हनुमान सेतु मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया.
जहां कुछ देर में नामांकन से पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी पहुंच थे. इसी मंदिर में योगी आदित्यनाथ ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. जबकि चुनाव आयोग की ओर से योगी के भाषण देने पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि उनके मंदिर में जाना शामिल नहीं है. ऐसे में वह मंदिर जा सकते हैं.
गौरतबल है कि मायावती ने 7 अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद में गठबंधन की संयुक्त रैली में मुसलमानों से गठबंधन के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी. जिसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर मायावती के अली हैं तो हमारे बजरंगबली हैं. चुनाव आयोग की ओर से लगे प्रतिबंध के बाद योगी आदित्यनाथ 16, 17 और 18 अप्रैल तक कोई चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे.