abhishek prakash: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी रहे और वर्तमान में इन्वेस्ट यूपी के सीईओ की जिम्मेदारी संभाल रहे अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash) को निलंबित कर दिया गया है। अभिषेक पर सोलर उद्योग लगाने के लिए आवेदन करने वाले उद्यमी से कमीशन मांगने का आरोप है।
Abhishek Prakash: कमीशन मांगने का आरोप
अभिषेक ने बिचौलिए के जरिए उद्यमी से पांच फीसदी कमीशन मांगा था। उद्यमी ने मामले की शिकायत सीएम योगी से की थी। इसके बाद मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया था। एसटीएफ ने शिकायत सही पाते हुए उद्यमी से कमीशन मांगने वाले निकांत जैन के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अभिषेक प्रकाश को भी निलंबित कर दिया गया था। अभिषेक प्रकाश को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है और एसीईओ प्रथमेश कुमार को सीईओ का प्रभार दिया गया है।
अभिषेक बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। बताया जा रहा है कि अभिषेक प्रकाश के खिलाफ एसटीएफ की फाइल दो-तीन दिन से शासन में घूम रही थी। अभिषेक प्रकाश को बचाने की कोशिश भी की जा रही थी। हालांकि मामला यूपी में निवेश और भ्रष्टाचार से जुड़ा होने के कारण सीएम योगी ने अभिषेक को कोई रियायत नहीं दी। एसटीएफ की रिपोर्ट पर अभिषेक को निलंबित करने का आदेश जारी हुआ। अभिषेक को कभी योगी सरकार में काफी ताकतवर अधिकारी माना जाता था। हालांकि अभिषेक प्रकाश पर एक के बाद एक कई आरोप लगते रहे।
Abhishek Prakash: कौन हैं IAS अभिषेक प्रकाश
अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 1982 में जन्मे अभिषेक प्रकाश मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। फिलहाल वे सचिव आईडीसी विभाग और सीईओ इन्वेस्ट यूपी का कार्यभार संभाल रहे थे। उन्होंने 2000 से 2004 के बीच आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की। इसके बाद उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड पब्लिक पॉलिसी में एमए किया। अभिषेक प्रकाश लखीमपुर खीरी, लखनऊ, अलीगढ़ और हमीरपुर जिलों के डीएम भी रह चुके हैं।
जमीन घोटाले में भी आया नाम
अभिषेक प्रकाश लखनऊ में जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था। शिकायत के आधार पर राजस्व परिषद की टीम गठित कर मामले की जांच कराई गई। इसमें अभिषेक प्रकाश समेत कई अफसरों और कर्मचारियों के नाम सामने आए। बताया जाता है कि नियमों की अनदेखी कर मुआवजा बांटा गया। राजस्व परिषद ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट नियुक्ति विभाग को भेज दी है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर अभिषेक प्रकाश पर कार्रवाई हो सकती है।
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