कानपुर देहातःअगर CM कार्यक्रम स्थल से 5 किमी. भी आगे बढ़ गए तो दिख जाएगी असलियत

कानपुर देहात–कानपुर देहात के कंचौसी में मुख्यमंत्री का कल दौरा है। कंचौसी से महज़ 5 किलोमीटर दूर बसे गड़ी महरिया ग्राम पंचायत के हालात बद से बदतर है। दरअसल ग्राम पंचायत में 5 गाँव है और बीच में नहर है ।

नहर के एक तरफ 4 गाँव और दूसरी तरफ ग्राम पंचायत का एक गाँव है। गांव के सामने एक नहर है । लिहाज़ा ग्रामीण खेती करने के लिए नहर में गोते लगाते हुए जाते हैं। इतना ही नहीं आवागमन का कोई दूसरा रास्ता नहीं है। कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस गांव से महज 5 किलोमीटर दूर कंचौसी में आ रहे हैं और ग्रामीणों की फरियाद है की मुख्यमंत्री इन 5 गांव के लोगों को इस विकट समस्या से निजात दिलाएं।

कानपुर देहात जिले के झींझक ब्लााक के गली मेहरिया नगर पंचायत में 6 गांव आते हैं । जिसमें लौआ की मैढिया ,महरिया, बड़ा सुनाथा,छोटा सुनाथा ,जोगिन डेरा, अड्डा पुरवा। इन सभी गांव के दरमियान एक नहर है। कुछ गांव नहर के बाहर है और कुछ गांव नहर के उस पार। ग्रामीणों के आवागमन का कोई दूसरा रास्ताा नहीं है। लिहाजा गांव वाले नहर में गोतेेे लगाते हुए मजबूरी के तहत  नहर पार करते हैं। इतना ही नहीं इस नहर की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में सभी गांव अति पिछड़े हैं क्योंकि गांव के बड़े लोग नहर पार कर सकते हैं लेकिन छोटे बच्चे नहर नहीं पार कर सकते। लिहाजा उनकी पढ़ाई चौपट हो रही है। इतना ही नहीं अगर मतदान की बात की जाए तो इस नहर की वजह से मतदान में खासा प्रभाव देखने को मिलता है क्योंकि गांव के 50 फ़ीसदी यानी महिलाएं और बुजुर्ग नहर पार करने में असमर्थ है लिहाजा वह मतदान नहीं करते।

ऐसा नहीं है कि नहर उस पार जानेे का रास्ता नहीं है। रास्ता है लेकिन जो सफर चंद कदमों का है वह तकरीबन 7 आठ किलोमीटर में तब्दील  हो जाता है। गांव में सरकारी राशन की दुकान है लेकिन जिस गांव में सरकारी राशन की दुकान है सिर्फ उसी गांव के लोग ही सरकारी राशन ले पातेे हैं। बाकी दूसरे गांव के लोग सरकारी राशन से महरूम रहते हैं। बात यहीं नहीं रुकती। अगर बात शादी ब्याह की की जाए तो भी यह नहर फासला बढ़ाने का काम करती है। इसी नहर के चलते गांव के लोग एक दूसरे के घरों में नेवता खाने और निमंत्रण में नहीं जा पातेे हैं।

गांव वालों ने तमाम बार अपनी परेशानियां सक्षम अधिकारियों के आगे रखी लेकिन नतीजा सिफर निकला। कल उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ इस गांव से तकरीबन 5 किलोमीटर के फासले पर आएंगे । लिहाजा गांव वालों की उम्मीद जागी है कि शायद मुख्यमंत्री उनकी फरियाद सुन ले और उन्हें इस परेशानी से  निजात मिल जाए। ग्रामीण सिर्फ एक पुलिया चाहते हैं जिससे  उन्हें यह नहर पार करने में आसानी हो जाए ।

(रिपोर्ट-संजय कुमार, कानपुर देहात)

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