लखनऊ– उत्तर प्रदेश नगर निगम चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम देख रहे अफसरों ने बीएलओ की ड्यूटी लगाने में ही बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की। इन अफसरों ने माली और मेट तक को बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) बना दिया।यही नहीं, फॉर्म फीडिंग के लिए लगी एजेंसी ने पूरा डेटा फीड नहीं किया, न ही संशोधित मतदाता सूची छपवाई गई।
इसी तरह परिसीमन के बाद बूथों में बदलाव हुआ, लेकिन इसकी जानकारी देने के लिए घरों में वोटर पर्ची नहीं भेजी गई। इन्हीं लापरवाहियों का नतीजा रहा कि नगर निगम चुनाव में हजारों लोगों के नाम मतदाता सूची से कट गए।
राजधानी में 2201 बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई थी। इनमें करीब 80 बीएलओ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। राजीव गांधी प्रथम वॉर्ड में विराट खंड के महाराजा अग्रसेन विद्यालय पोलिंग बूथ पर स्मारक समिति के मेट दिलीप कुमार, राधेश्याम और माली शैलेंद्र यादव को बीएलओ बना दिया गया। कांशीराम ग्रीन ईको गार्डन के सफाईकर्मी राज कुमार राम को पोलिंग बूथ विशुन नारायण इंटर कॉलेज का बीएलओ बनाया गया तो सफाईकर्मी वेद प्रकाश मौर्य को सरस्वती विद्यालय कन्या इंटर कॉलेज, नरही में ड्यूटी दे दी गई।
शहर में चुनाव पर निगरानी के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन महेश गुप्ता तक की वोटर पर्ची बीएलओ ने नहीं पहुंचाई।
मेट्रो सिटी, एल्डिको अपार्टमेंट, रोहतास एंक्लेव, शालीमारी हाइट, शालीमार एमरेल्ड, सीएसआई टावर, गोखले एंक्लेव, एल्डिको ग्रीन, आम्रपाली, आनंदी अपार्टमेंट, गोयल अपार्टमेंट और पार्श्वनाथ समेत करीब 50 अपार्टमेंट के लोगों के नाम सूची में नहीं मिले।