न्यूज डेस्क — नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन अब उत्तर प्रदेश अपनी आग में झुलसा रहा है. राज्य सरकारों ने अफवाहें फैलाने से रोकने के लिए हिंसा वाली जगहों पर इंटरनेट सेवाओं को बैन कर दिया है.वहीं यूपी के मऊ में हिंसा के बाद तनाव बरकरार है. इलाके में धारा 144 लागू है. सीएम योगी के निर्देश पर एडीजी आशुतोष पांडे को मऊ भेजा गया है.
दरअसल कल यानि 16 दिसंबर को लोग नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान लोगों ने सड़क पर जमकर हिंसा की. एक तरफ गैस सिलेंडर की मदद से दक्षिण टोला पुलिस स्टेशन के अंदर आग लगा दी तो दूसरी सड़क पर पत्थरबाजी और आगजनी की. प्रदर्शनकारियों ने दुकानों में तोड़-फोड़ भी की. पुलिस ने मामला शांत करने की कोशिश की तो पुलिस पर पत्थरबाजी की गई.
वहीं हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए यूपी के अलीगढ़ और मऊ में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर बुधवार तक रोक लगा दी गई है. जामिया में पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन की थी. थोड़ी देर पहले ही पश्चिम बंगाल के हावड़ा में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगाने की खबर आई थी.
मऊ में हिंसा पर उतारू भीड़ ने पहले सड़क पर चल रही गाड़ियों को पत्थर से निशाना बनाया. शाम होते होते पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया. पुलिस की कई गाड़ियों को जला दिया. हालात इतने बिगड़ते चले गए कि पुलिस को उपद्रवियों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले और हवाई फायरिंग तक करनी पड़ी. हिंसा का बाद मऊ में धारा 144 लगानी पड़ी है.