नई दिल्ली — नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लेकर शुरु हुए विरोधी प्रदर्शन में आक्रोश की आग असम से निकलकर देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। प्रदर्शनकारियों का रविवार को पुलिस के साथ संघर्ष हो गया और उन्होंने डीटीसी की 6 बसों, 2 पुलिस वाहन और एक अग्निशमन गाड़ी में आग लगा दी। इस हिंसक प्रदर्शन में 6 सिपाही और 2 दमकलकर्मी जख्मी हो गए।इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
बता दें कि रविवार सुबह से ही जामिया इलाके में लोग सड़कों पर उतर आए। इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में कारों और बसों में तोड़फोड़ मचा दी। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसूगैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया। जिसमें कई छात्रों को हिरासत में लिया, सूत्रों के माने तो 50 छात्रों की गिरफ्तारी हुई है। जामिया और जेएनयू के छात्र पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जबकि जामिया यूनिवर्सिटी ने प्रदर्शन में उनके छात्रों के शामिल होने से इनकार किया है।
उधर हिंसक प्रदर्शन के बीच दिल्ली के 15 मेट्रो स्टेशन को बंद करने का फैसला किया गया है जबकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) 5 जनवरी तक बंद।वहीं रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने कहा 5 जनवरी तक कोई भी कक्षा या परीक्षा आयोजित नहीं होगी।
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पुलिस का लाठीचार्च
कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि जब वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। फारूकी ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े। एक छात्र ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों द्वारा बल प्रयोग करने के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की।
उधर हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा अस्वीकार्य है। प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने दिल्ली के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।