लखनऊ — उत्तर प्रदेश के नौकारशाहो पर लापरवाही बरतने और भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगते रहे है.अब इसकी आंच मुख्यमंत्री के आंगन तक पहुंच चुकी है.इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी के प्रमुख सचिव पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है.
एक ओर जहां भ्रष्टाचार में लिप्त फतेहपुर और गोंडा के जिलाधिकारियों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को निलंबित किया है.वहीं इस बीच एक और भ्रष्टाचार की शिकायत से हड़कंप मच गया है. अब देखना यह होगा कि सीएम योगी इस पर क्या कदम उठाते है.
दरअसल मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात वरिष्ठ आईएएस अफसर पर गंभीर आरोप लगाते हुए अभिषेक गुप्ता नाम के शख्स ने सीएम और राज्यपाल को शिकायती ई-मेल भेजकर प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर पेट्रोल पंप की जमीन देने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. इस मामले में राज्यपाल ने सीएम योगी को 30 अप्रैल को पत्र भी लिखा और शिकायतकर्ता को परेशान करने और 25 लाख रुपये मांगने के मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए.
वहीं इस मामले में प्रधान सचिव सूचना अवनीश अवस्थी का कहना है कि प्रमुख सचिव गोयल पर लगाए गए आरोप निराधार हैं. उधर, प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने एसएमएस और फोन करने के बावजूद आरोप के संदर्भ में कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि अभी प्रमुख सचिव पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है.
बता दें कि राज्यपाल राम नाईक द्वारा सीएम योगी को 30 अप्रैल को ये पत्र भेजा गया है. इसमें राज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि लखनऊ के इंदिरानगर में रहने वाले अभिषेक गुप्ता ने 18 अप्रैल को ईमेल भेजकर बताया कि उनके द्वारा हरदोई के संडीला में रैसो गांव में एस्सार आॅयल लिमिटेड द्वारा स्वीकृत पेट्रोल पंप लगाया जाना है. उन्होंने बतया कि पेट्रोल पंप के मुख्य मार्ग की चौड़ाई कम होने के कारण आवश्यक जमीन उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने प्रत्यावेदन दिया है, जो प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री एसपी गोयल के स्तर पर लंबित है.
अभिषेक गुप्ता का आरोप है कि पेट्रोल पंप के मुख्य मार्ग की चौड़ाई बढ़ाए को भूमि उपलब्ध करवाए जाने के लिए प्रमुख सचिव एसपी गोयल की तरफ से 25 लाख रुपए की मांग की जा रही है. साथ ही कहा है कि ये रिश्वत नहीं दिए जाने के कारण प्रमुख सचिव उनके प्रत्यावेदन पर निर्णय नहीं ले रहे हैं. इस कारण पेट्रोल पंप की स्थापना नहीं हो पा रही है.