प्रदेश के सभी दागी पुलिसकर्मियों की जांच करवाने का आदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दे दिया है। यदि जांच में कोई भी पुलिसकर्मि दोषी पाया जाता है तो उसको बर्खास्त या जबरिया रिटायर कर दिया जाएगा। ये जांच डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान तथा एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के नेतृत्व में दो कमेटियां करेंगी । साथ ही जो पुलिसकर्मी दोषी है अथवा दागी है उसको फील्ड में तैनाती भी नहीं दी जाएगी।
क्या है पूरा मामला
कानपुर कर प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में पुलिसकर्मियों द्वारा की गई पिटाई। जिसके बाद मनीष गुप्ता की मौत हो जाती है। इस घटना ने जब तूल पकड़ा तो एसएचओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। इस घटना पर सीएम योगी ने एक अहम फैसला किया है । अगर कोई भी पुलिसकर्मी इस मामले में दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी और उसको बर्खास्त कर दिया जाएगा।
यूपी में भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की जांच करेगी कमेटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया है कि भ्रष्टाचार से संलिप्त पुलिसकर्मी यूपी पुलिस का हिस्सा नहीं रहना चाहिए। सीएम के आदेशानुसार दो ऊच्चस्तरी जांच कमेटियां गठित कर दी गयी हैं। गृह सचिव कमेटी एसपी और डीएसपी पोस्ट पर तैनात अधिकारियों की स्क्रीनिंग करेगी। वहीं दूसरी एडीजी लॉ एंड आर्डर की अध्यक्षता वाली कमेटी इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के पदों पर तैनात पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग करेंगे। दोनों कमेटियां मिलकर पुलिस विभाग में पिछले तीन साल से एक पद पर तैनात पुलिसकर्मियों की जांच करेंगी। अगर जांच में कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उसकी जानकारी सीएम योगी को दी जाएगी।
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