गोरखपुर–जिले में मुख्यमंत्री का जनता दरबार महज अब खाना पूर्ति बनता जा रहा है। जब भी मुख्यमंत्री गोरखपुर आते है तब जनता दरबार जरूर लगाते है। जनता दरबार मे दूर – दूर से आए पीड़ित इस उम्मीद में रहते है कि मुख्यमंत्री से फरियाद करने के बाद उनकी पीड़ा दूर हो जाएगी।
मुख्यमंत्री उनकी पीड़ा दूर करने का अस्वासन भी देते लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नही होती। लिहाजा मुख्यमंत्री के जनता दरबार से लोगो का मोह भंग होता जा रहा है। जनता दरबार मे आये कुछ फरियादी तो ऐसे मिले जो दो से तीन बार जनता दरबार मे आकर अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री से बता चुके है। मुख्यमंत्री से कहने के बाद भी उनकी समस्यायों पर कोई कार्यवाई नही हुई । जनता दरबार मे आयी एक महिला फरियादी अपने नवजात बच्चे के साथ आई थी। उसका पड़ोसी से कुछ विवाद था। पड़ोसी कई बार उसको और उसके बच्चे के ऊपर जानलेवा हमला कर चुके है ।
वह इसी मामले को लेकर आज जनता दरबार मे तीसरी बार आयी थी। लेकिन उसके मामले पर अब तक कोई कार्यवाई नही हुई है। आज तो उसने यह तक कह डाला कि अब वह आत्महत्या करेगी जिसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और पुलिस की होगी । अब मुख्यमन्त्री भी जनता दरबार मे फरियादियो की फरियाद सुनने की औपचारिकता भर निभाते है।
(रिपोर्ट -गौरव मिश्रा, गोरखपुर )