लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ पूरे देश में धूम है. वहीं आज बिहार समेत कई राज्यों में श्रद्धालुओं ने ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया. श्रद्धालुओं का जत्था दोपहर से ही गंगा घाटों पर पहुंचने लगा था। व्रती अलग-अलग शहरों में बने घाटों तक पहुंचे. कई लोगों ने घरों की छतों पर अस्थाई तालाब बनाकर अर्घ्य दिया.पहला अर्घ्य देकर श्रद्धालु घरों को लौट गए। अब गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाएगा.
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गुरुवार को उगते हुए सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
बता दें कि सोमवार को छठ पूजा नहाय-खाय के साथ शुरू हुई थी. मंगलवार को खरना और आज तीसरे दिन शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. अब गुरुवार को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. बता दें कि पूर्वांचलियों का सबसे बड़ा और पवित्र पर्व बिहार, यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मनाया जाता है. दिल्ली में जहां भी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं वे छठ का पर्व धूमधाम से मनाते हैं.बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर सहित कई शहरों में घाट पर शाम होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने से पहले छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं.
घरों और बिल्डिंगों की छतों पर भी कृत्रिम जलकुंड
पटना के गंगा नदी में व्रतधारी महिलाओं और पुरुषों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. इस अवसर पर लाखो लोगों ने पवित्र गंगा नदी में स्नान भी किया. इसके अलावा घरों और बिल्डिंगों की छतों पर भी कृत्रिम जलकुंड बनाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया गया.घरों की छतों पर बनाए गए तालाब में महिलाएं पूरे आस्था से छठ पर्व कर रही हैं. इसके लिए छतों के तालाबो को आकर्षक ढंग से सजावट की गई है. व्रतधारी महिलाओं ने अपने हाथों में फल-सब्जी और अनाज से भरे सूप को लेकर सूर्य को अर्ध्य दिया.
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