भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ 18 नवंबर (बुधवार) को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया. चार दिनों तक चलने वाले यह महापर्व 21 नवंबर को सूर्योदय पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न होगा. छठ पर्व इस साल 18 से 21 नवंबर तक मनाया जाएगा.
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आपको बता दें कि हर व्रत-त्योहार की तरह छठ पूजा के भी कुछ नियम होते हैं. छठी मइया की कृपा पाने के लिए महापर्व के चार दिन कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना चाहिए. आइए जानते हैं कि छठ पर्व के दौरान क्या करें और क्या न करें.
इन नियमों का करें पालन…
1. सूर्य भगवान को जिस बर्तन से अर्घ्य देते हैं, उसका विशेष ध्यान रखें. यह चांदी, स्टेनलेस स्टील, ग्लास या प्लास्टिक का नहीं होना चाहिए. अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना सही रहेगा.
2. छठ के दौरान सात्विक भोजन ही करें. लहसुन-प्याज. महापर्व शुरू होने के बाद लहसुन-प्याज का बिल्कुल सेवन न करें. हो सके तो घर में प्याज और लहसुन बिल्कुल न रखें.
3. छठ का प्रसाद बनाते वक्त विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए. इसे स्वच्छता के साथ बनाएं और प्रसाद बनने की प्रक्रिया तक नमक या इससे बनी चीजों को न छूएं.
4. बच्चों को छठ पूजा का प्रसाद जूठा ना करने दें जब तक छठ पर्व संपन्न ना हो जाए. हाथ धोए बिना किसी को भी पूजा का सामान न छूने दें.
5. छठ व्रत के दौरान घर पर मांसाहार लाना या इसका सेवन करना वर्जित है. इस दौरान अंडा, मांस, मछली से परहेज करें. धूम्रपान और मदिरापान से भी बचें.
6. सूर्य को अर्घ्य देने से पहले जल या भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. अगर आपने छठी मइया की मनौती मानी है तो उसे जरूर पूरा कर लेना चाहिए.
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