कानपुर देहात–कानपुर देहात पुलिस लूट घसोट पर आमादा हो गयी है। दरअसल एक रिकवरी एजेंट को पुलिस ने थाने बुलाया और उसे 3 दिन तक थाने में बैठाए रखा। उस युवक को फर्जी लूट के मुकदमे में फसाने की धमिकया दी गयी।
पुलिसिया खौफ से डरे सहमे युवक ने थाने में इंस्पेक्टर के सामने 25 हज़ार गिने। तब उसे 3 दिन बाद पुलिस ने छोड़ा। मामला सारे अधिकासरियो के संज्ञान में है लेकिन किसी भी अधिकारी ने इंस्पेक्टर के खिलाफ ज़बान नही खोली।
कानपुर देहात में घुस लेते दरोगा का वीडियो वायरल हुए 3 दिन नही गुज़रे थे कि एक और थानाध्यक्ष की कारगुज़ारी सामने आ गयी। इस बार डेरापुर थानाध्यक्ष राम बहादुर पाल ने शिकार बनाया दीपक सचान नाम के बेगुनाह युवक को। दरअसल दीपक रिकवरी एजेंट है। दीपक ने फाइनेंस के एक ट्रक को रिकवर करना चाहा। जिसकी 17 इंस्टालमेंट शार्ट थी और उस ट्रक को खींचने का न्यायालय ने आदेश दिया था लेकिन डेरापुर इंस्पेक्टर राम लखन पाल दीपक को थाने ले आये और उसे 3 दिन तक थाने में बैठाए रक्खा। जबकि 24 घंटे से ज़्यादा पुलिस को किसी भी शख्स को थाने में बैठाने का अधिकार नही है। थाने में दीपक को फर्जी लूट के मुकदमे में फसाने की धमकी दी गयी। 3 दिन बाद थानाध्यक्ष राम बहादुर पाल ने 25 हज़ार लेकर दीपक को छोड़ा ओर ये सब ट्रक मालिक के सामने हुआ।
इस संदर्भ में ज़िले के मुखिया यानी एसपी राधे श्याम को कोई खबर ही नही है या यूं कहें कि एस पी साहब सब कुछ जान कर अनजान बने हुए है। गौरतलब है कि महज़ 3 दिन पहले गजनेर थाने के दरोगा का घूस लेते वीडियो वायरल हुआ था और उसे सस्पेंड भी कर दिया गया। बावजूद इसके पुलिस अपने ढर्रे पर कायम है।
(रिपोर्ट-संजय कुमार, कानपुर देहात)