भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और सफलता हासिल किए है। दरअसल चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को चंद्रमा की तीसरी कक्षा सफलता पूर्वक एंट्री कर ली है। आसान शब्दों में कहें तो इसका मतलब है कि चंद्रयान-3 अब चंद्रमा के थोड़ा करीब पहुंच गया है। इसरो के एक ट्वीट के अनुसार, आज के सफल ऑपरेशन के साथ, चंद्रयान -3 की कक्षा घटकर 174 किमी x 1437 किमी रह गई है।
इसरो ने 9 अगस्त को दोपहर 1.40 बजे कक्षा बदली। यानी चंद्रयान-3 के थ्रस्टर चालू कर दिए गए. बता दें कि वह 5 अगस्त 2023 का दिन था जब चंद्रयान-3 चंद्रमा की पहली कक्षा में पहुंचा था। उस समय उन्होंने चंद्रमा से पहली तस्वीरें भेजीं। अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन का अगला चरण 14 अगस्त के लिए निर्धारित किया गया है।
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इससे पहले इसरो के चेयरमैन एस.सोमनाथ ने मंगलवार को कहा था, ‘अगर सब कुछ फेल हो जाए, अगर सभी सेंसर फेल हो जाएं, कुछ भी काम न करे, फिर भी यह (विक्रम) लैंड करेगा।’ दरअसल इसको खास तरह से डिज़ाइन किया गया है – बस प्रणोदन प्रणाली अच्छी तरह से काम करे।
भारत के इस चंद्र मिशन पर दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां कड़ी नजर रख रही हैं। अपनी तीसरी कक्षा में जाने से पहले, इसरो प्रमुख ने चंद्रयान-3 की यात्रा के अंतिम चरण के बारे में विस्तार से बात की। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा की गोलाकार कक्षा से अंतिम 100 किमी चंद्रयान-3 के भाग्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। 100 किलोमीटर का ये सफर तय करेगा कि ये मिशन सफल होगा या नहीं।
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